सऊदी अरब में आरामको के तेल संयंत्र पर ड्रोन हमले के बाद पेट्रोलियम मंत्रालय ने आश्वस्त किया है कि भारत को तेल की आपूर्ति बाधित नहीं होगी। बता दें कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता देश है और सऊदी अरब भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा, ‘सऊदी अरामको के अधिकारियों ने 15 सितंबर को भारतीय रिफाइनरी कंपनियों को सूचना दी है कि उनके लिए आपूर्ति में किसी प्रकार की कमी नहीं होने दी जाएगी। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय भारतीय रिफाइनरी कंपनियों तथा सऊदी अरामको के साथ हालात पर निगाह रखे हुए है।’
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, 'हमने अपनी मार्केटिंग कंपनियों के साथ मिलकर सितंबर महीने की तेल की सभी आपूर्ति की समीक्षा की है। हम आश्वस्त हैं कि भारत को तेल आपूर्ति में कोई दिक्कत नहीं होगी। हम स्थिति पर नजदीक से नजर बनाए हुए हैं।'
ड्रोन हमले के बाद उत्पादन हुआ आधा
सऊदी अरब की कंपनी अरामको द्वारा परिचालित दुनिया के सबसे बड़े कच्चा तेल प्रसंस्करण कारखाने में ड्रोन हमले के बाद हुए घाटे की खबरों से कच्चे तेल के दाम अपने 4 माह के उच्चस्तर पर पहुंच गए हैं। इस हमले से सऊदी अरब का आधा उत्पादन प्रभावित हुआ है। इससे दुनिया में लगभग 5 फीसदी आपूर्ति बाधित हुई है।
सऊदी भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता
भारत अपनी कच्चे तेल की आवश्यकता का 83 फीसदी आयात करता है। इराक के बाद भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता सऊदी अरब है। वित्त वर्ष 2018-19 में सऊदी अरब ने भारत को 4.03 करोड़ टन कच्चा तेल बेचा। वहीं वित्त वर्ष के दौरान भारत का कच्चे तेल का आयात 20.73 करोड़ टन रहा।
तेल के दाम चार माह के उच्च स्तर पर
कच्चे तेल की कीमतों में सोमवार को भारी उछाल आया। ब्रेंट कच्चा तेल 19.5 फीसदी बढ़कर 71.95 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। कच्चे तेल का वायदा 1988 में शुरू हुआ था। उसके बाद से डॉलर मूल्य के हिसाब से यह सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है। वहीं अमेरिका का वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट वायदा 15.5 प्रतिशत बढ़कर 63.34 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था।