बाजार से एटीएम मशीन को कम करने और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) एक बहुत ही बड़ा कदम उठाने जा रहा है। बैंक की योजना अगर सफल होती है तो जल्द ही प्लास्टिक डेबिट कार्ड अतीत का हिस्सा बनकर रह जाएगा। देश का सबसे बड़ा बैंक इसकी जगह पर अधिक डिजिटल भुगतान प्रणाली लाने की दिशा में काम कर रहा है। इस बात की जानकारी स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने दी।
देश में 90 करोड़ से ज्यादा डेबिट कार्ड
मुंबई में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रजनीश कुमार ने कहा, 'हमारी योजना डेबिट कार्ड को प्रचलन से बाहर करने की है। हम इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि हमें उन्हें खत्म कर सकते हैं।' उन्होंने कहा कि देश में 90 करोड़ डेबिट कार्ड और तीन करोड़ क्रेडिट कार्ड हैं।
योनो एप के जरिए कैश निकाला जाएगा
रजनीश कुमार ने बताया कि डिजिटल समाधान पेश करने वाले उसके 'योनो' प्लैटफॉर्म की डेबिट कार्ड मुक्त देश बनाने में अहम भूमिका होगी। एसबीआई चेयरमैन ने कहा कि 'योनो' के जरिए एटीएम मशीनों से नकदी की निकासी या दुकानों से सामान की खरीदी की जा सकती है। इसका मतलब यह हुआ कि आने वाले दिनों में YONO (यू ओन्ली नीड वन) ऐप के जरिए कैश निकाला जाएगा।
अगले 18 माह में "योनो कैश" 10 लाख करने की योजना
एसबीआई के YONO ऐप पर "योनो कैश" नाम से एक सुविधा दी जाती है। इसके तहत ग्राहक बिना कार्ड इस्तेमाल के एसबीआई के 'योनो कैशप्वाइंट' एटीएम से पैसे निकाल सकते हैं। इसके लिए बैंक पहले ही 68,000 'योनो कैशप्वाइंट' की स्थापना कर चुका है और अगले 18 माह में इसे 10 लाख करने की योजना है। एसबीआई के चेयरमैन ने इसकी जानकारी दी है।
इसी साल मार्च में शुरू हुई 'योनो कैश' सेवा
गौरतलब है कि स्टेट बैंक ने इसी साल मार्च में 'योनो कैश' सेवा शुरू की है, जो ग्राहकों को बिना डेबिट कार्ड पैसे निकालने की सुविधा देता है। यह बेहद आसान होने के साथ ही सुरक्षित भी है। शुरुआत में यह सुविधा 16,500 एटीएम में उपलब्ध थी, बैंक अपने सभी एटीएम को इस सुविधा के लिए अपग्रेड कर रहा है।