भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने भारती एयरटेल और एयरटेल पेमेंट बैंक के ई-केवाईसी लाइसेंस को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। दोनों बैंक अब ई-केवाईसी प्रक्रिया का इस्तेमाल कर मोबाइल ग्राहकों के सिम का आधार से सत्यापन नहीं कर पाएंगे।
यह कदम उन शिकायतों के बाद उठाया गया है जिसमें कहा गया है भारती एयरटेल आधार आधारित सिम सत्यापन प्रक्रिया का इस्तेमाल कर अपने ग्राहकों की बिना मंजूरी के पेमेंट बैंक अकाउंट खोल रहा है। यूआईडीएआई ने उन आरोपों पर भी कड़ी आपत्ति जताई है जिनमें कहा गया है कि ऐसे पेमेंट बैंक खातों को एलपीजी सब्सिडी लेने के लिए भी जोड़ा जा रहा है।
यूआईडीएआई ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि तत्काल प्रभाव से भारती एयरटेल लिमिटेड और एयरटेल पेमेंट बैंक लिमिटेड का ई-केवाईसी लाइसेंस निलंबित किया जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि एयरटेल अब अपने उपभोक्ताओं के सिम का आधार नंबर से सत्यापन इलेक्ट्रॉनिक तरीके से नहीं कर सकेगा। साथ ही एयरटेल पेमेंट बैंक आधार ई-केवाईसी से नया खाता भी नहीं खोल सकेंगे। हालांकि अन्य विकल्पों के जरिए खाता खोला जा सकेगा।
एयरटेल के प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि यूआईडीएआई से आधार आधारित ई-केवाईसी सेवाओं के अस्थायी निलंबन से जुड़ा आदेश हमें मिल चुका है। इस मुद्दे का शीघ्र ही कोई समाधान निकाल लिया जाएगा। ऐसा कहा जाता है कि एयरटेल पेमेंट्स बैंक के 23 लाख से अधिक ग्राहकों को उनके इन बैंक खातों में 47 करोड़ रुपये मिले जिनके खोले जाने की उन्हें जानकारी तक नहीं थी। सूत्रों ने कहा कि यूआईडीएआई के ध्यान में यह मामला लाया गया था कि एयरटेल के रिटेलरों ने कंपनी के उन उपभोक्ताओं के एयरटेल बैंक में भी खाते खोल दिए जो कि अपने सिम का सत्यापन आधार के जरिए करवाने आए थे। इस बारे में ग्राहकों को पता तक नहीं चला। यही नहीं सम्बद्ध लोगों की एलपीजी सब्सिडी तक ऐसे खातों में आने लगी।