सूचना प्रौद्योगिक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी इंफोसिस के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विशाल सिक्का ने अचानक आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया। विशाल की जगह यूबी प्रवीण राव को अंतरिम अंतरिम सीईओ और एमडी बनाया गया है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को लिखे पत्र में कंपनी के सेक्रेटरी एजीएस मणीकांत ने इस बात की पुष्टि की और कहा कि इस्तीफा 18 अगस्त को हुई बोर्ड मीटिंग में स्वीकार कर लिया गया। इसके साथ की विशाल सिक्का को कंपनी के एक्जिक्यूटिव वाइस-चेयरमैन के पद पर नियुक्त किया गया है। कंपनी ने कहा कि निदेशक मंडल ने नये प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी की नियुक्ति के लिये प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सिक्का के इस्तीफे के बाद इंफोसिस की प्रेस कांफ्रेस करते हुए बताया कि विशाल सिक्का ने 3 महीने तक कंपनी को अपनी सेवाएं बतौर एक्जिक्यूटिव वाइस चेयरमैन की रजामंदी दी है। इस दौरान इंफोसिस मैनेजमेंट उनकी जगह पर उपयुक्त व्यक्ति की तलाश करेगी। कंपनी की इस प्रेस कॉंफ्रेंस में खुद विशाल सिक्का ने कैलिफॉर्निया से वीडियो लाइव के जरिए शिरकत की।
व्यक्तिगत हमलों का किया सामना
इंफोसिस के को-चेयरमैन आर वैंकटेसन ने कहा कि बेहद भारी मन से हमने उनका इस्तीफा स्वीकार किया है। हम उनके कारणों को पूरी तरह समझते हैं। इस बात में कोई शक नहीं है वो एक शानदार व्यक्ति हैं, दुनिया यह जानती है। एक लीडर के रूप में वो और बेहतर हुए। बोर्ड उनके द्वारा तय किए गए रणनीतिक डायरेक्शन्स पर चलता रहेगा।
इस्तीफा देने के बाद विशाल सिक्का ने कहा कि उन्होंने निदेशक मंडल और एन आर नारायणमूर्ति की अगुवाई में हाई-प्रोफाइल संस्थापकों के बीच कटुता बढ़ने के बीच इस्तीफा दिया है। सिक्का ने कहा कि उन्होंने गलत, आधारहीन, दुभार्वनापूर्ण और व्यक्तिगत हमलों का सामना किया।
सिक्का ने कहा, "आज का दिन कई मायनों में दुखद है। मैंने तीन साल पहले अपना सफर शुरू किया था और जो उपलब्धियां प्राप्त की उन पर नाज है। लगातार लग रहे आरोपों और एक ही बात को लेकर हो रहे शोर से निपटना मुश्किल था। एक समय ऐसा आता है कि आपको लगता है आप संस्थान के लिए बोझ होते जा रहे हैं मुझे भी ऐसा ही लगने लगा था। हमने फैसला लिया है कि मैं एग्जीक्युटिव वाइस चेयरमैन बना रहूंगा ताकि यूबी प्रवीण को अंतरिम सीआई का काम संभालने में मदद हो सके।"
We came to conclusion that I will stay on as executive vice chairman,help in transition&UB Pravin Rao will be interim CEO: #VishalSikka pic.twitter.com/HmHzLXDsmW
— ANI (@ANI) August 18, 2017
विशाल सिक्का ने आगे कहा, "मैंने इन्फोसिस नहीं छोड़ी है। मैं 31 मार्च 2018 तक या उससे पहले जब तक सबकुछ पटरी पर आ जाता है, तब तक एग्जिक्युटिव वीपी के तौर पर हूं। ऐसे आरोपों पर कंपनी के वैल्यू पर असर पड़ता है। विशाल सिक्का-राजीव बंसल का मुद्दा बार-बार उठाया गया, इससे बहुत दुख हुआ। लगातार लग रहे आरोपों से निपटना काफी मुश्किल था।"
दूसरी तरफ इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायणमू्र्ति ने विशाल सिक्का के इस्तीफे के बाद लगाये गये आरोप पर अपने जवाब में कहा कि इंफोसिस बोर्ड द्वारा लगाये गये आरोपों से व्यथित हूं। ऐसे निराधार आक्षेपों का जवाब देना मैं अपनी प्रतिष्ठा के खिलाफ मानता हूं। मैंने खुशी से 2014 में बोर्ड छोड़ दिया था और मैं कोई पैसा और पद नहीं मांग रहा। मेरी चिंता का विषय बोर्ड के ध्यान में लाया गया कॉर्पोरेट गवर्नेंस का गिरता स्तर था।
Below my dignity to respond to such baseless insinuations;Will reply to allegations at appropriate time on right forum: Narayana Murthy
— ANI (@ANI) August 18, 2017
उन्होंने कहा कि कुछ शेयरधारकों का कहना है कि ऐसी किसी रिपोर्ट पर यकीन नहीं होता, जिसे कुछ आरोपी व्यक्तियों के समूह द्वारा नियुक्त कुछ वकीलों के समूह ने तैयार किया हो और उसमें आरोपियों को क्लीनचिट दी गयी है। मूर्ति ने कहा कि आरोपों का सही तरीके से, सही मंच पर और सही समय पर जवाब दूंगा।