क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांतदास ने चिंता जताई है। गवर्नर ने क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति देने के खिलाफ अपने विचार दोहराते हुए कहा कि वे किसी भी वित्तीय प्रणाली के लिए गंभीर खतरा हैं क्योंकि वह केंद्रीय बैंकों द्वारा अनियंत्रित हैं। उनकी टिप्पणी विवादास्पद विषय पर आरबीआई की आंतरिक पैनल रिपोर्ट से पहले आई है, जो अगले महीने होने की उम्मीद है।
शक्तिकांतदास ने बुधवार को कहा कि एक रेगुलेटर के तौर पर आरबीआई के सामने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर गंभीर चिंता पैदा हो गई है। माइक्रो-इकोनॉमिक संतुलन और वित्तीय स्थिरता, दोनों लिहाज के क्रिप्टोकरेंसी चिंता पैदा करती है।
शक्तिकांतदास दास ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों की संख्या को बढ़ा-चढ़ा कर बताया जा रहा है। हालांकि वॉल्यूम निश्चित तौर पर बढ़ता जा रहा है। बड़ी तादात में ऐसे निवेशक हैं, जिन्होंने क्रिप्टोकरेंसी में 1000 या 2000 रुपये लगाए हैं।
शक्तिकांतदास दास ने बिजनेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई समिट में कहा कि आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट पर सरकार सक्रियता से विमर्श कर रही है।
बता दें कि रिजर्व बैंक क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन लगाना चाहता था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसकी अनुमति नहीं दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहना है कि इसके लिए केंद्र सरकार कोई नीति लेकर आए। अभी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकारी की कोई नीति नहीं है, जिसके कारण लोग तेजी से इसमें निवेश कर रहे हैं।