अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने बुधवार को कहा कि वह कोरोना वायरस से निपटने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लगाने के भारत के समय रहते लिए गए फैसले का समर्थन करता है। इससे एक दिन पहले आईएमएफ ने अपने वर्ल्ड इकोनोमिक आउटलुक में 2020 में भारत की विकास दर 1.9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था।
आईएमएफ के एशिया और प्रशांत विभाग के निदेशक चांग योंग री ने यहां संवाददाता सम्मेलन के दौरान पत्रकारों से कहा, ‘‘आर्थिक मंदी के बावजूद सरकार ने देशव्यापी बंद लागू किया और हम भारत के समय रहते लिए गए फैसले का समर्थन करते हैं।’’ भारत में 25 मार्च को तीन हफ्ते का बंद लागू किया गया था जो 14 अप्रैल को समाप्त होना था। बाद में बंद को तीन मई तक बढ़ा दिया गया।
2020 में एशिया की वृद्धि थम जाएगी
उन्होंने बताया कि पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र पर कोरोना वायरस का असर गंभीर और अभूतपूर्व होगा। 2020 में एशिया की वृद्धि थम-सी जाएगी। उन्होंने कहा कि 2021 में उम्मीद है। अगर विषाणु पर नियंत्रण लगाने की नीतियां कामयाब होती है वृद्धि में फिर से उछाल आ सकता है। हालांकि उन्होंने कहा कि यह कहना अनिश्चित है कि इस साल कैसी प्रगति होगी।
साल के अंत तक आर्थिक गतिविधियों में उछाल की उम्मीद
री ने कहा कि यह पहले की तरह कारोबार करने का समय नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस साल के अंत तक आर्थिक गतिविधि में उछाल आने की उम्मीद है क्योंकि चीन सबसे पहले इस विषाणु से उबरता हुआ दिख रहा है। हालांकि कुछ स्पष्ट जोखिम भी है कि विषाणु वापस आ सकता है और हालात सामान्य होने में वक्त लग सकता है।’’ री ने बताया कि 2020 के लिए जापान के आर्थिक विकास का अनुमान भी निराशाजनक हो गया है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के असर के कारण जापान में जीडीपी 5.2 प्रतिशत तक गिर सकती है।