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कालाधन: करचोरों की पनाहगाह बने देशों से सीधे बात करेगा भारत

काले धन के मामलों की जांच कर रहे भारतीय कर विभाग के अधिकारी और जांचकर्ताओं ने अब करचोरों की पनाहगाह और अन्य देशों में अपने समकक्ष विभागों एवं अधिकारियों के साथ सीधे बातचीत का फैसला किया है ताकि विदेशों में जमा गैरकानूनी धन के खिलाफ लड़ाई में सहयोग बढ़ाया जा सके।
कालाधन: करचोरों की पनाहगाह बने देशों से सीधे बात करेगा भारत

काले धन की समस्या से निपटने के लिए की गई पहलों के अंग के तौर पर जांचकर्ताओं को करीब दर्जन भर इकाइयों के बारे में कर से जुड़ी कारेाबारी सूचनाओं के बारे में नई जानकारियां मिलीं हैं, इन इकाइयों का नाम कुछ समय खोजी पत्राकारों के अंतरराष्ट्रीय समूह की रपट में आया था।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने काले धन पर विशेष जांच दल (एसआईटी) और विभिन्न वित्तीय जांच एजेंसियों के साथ उचित परामर्श के बाद फैसला किया कि वरिष्ठ अधिकारियों के एक दल को विदेशी संस्थानों के साथ भारत में या संबंधित देश में द्विपक्षीय बैठक करने का जिम्मा दिया जाए ताकि मामलों को जल्दी निपटाया जा सके।

वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा इस पहल का उद्देश्य है कि विदेश में जमा गैरकानूनी धन के मामले में कागजी दस्तावेज और पत्राचार में लगने वाले समय को कम किया जा सके। मंत्रालय और इसकी विभिन्न इकाइयों के वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल बैठक करेगा और इन मामलों की जांच से जुड़े आवेदन सामने रखेंगे। सरकार से इस संबंध में आवश्यक अनुमति प्राप्त कर ली गई है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा इस संबंध मंे तैयार आधिकारिक सूचना में नयी प्रणाली की जरूरत पर बल दिया गया है। इस सूचना की समीक्षा एसआईटी ने की। इससे संबंधित एक नोट के मुताबिक, काॅन्फ्रेंस काॅल और हमारे संधि भागीदारों के सक्षम विभागों के साथ आमने-सामने बैठक के जरिये द्विपक्षीय चर्चा की योजना बनाई जा रही है और भविष्य में इस संबंध में सहयोग बढ़ेगा। भारत के संधि भागीदारों में अब करचोरी की जानी-मानी पनाहगाहों जैसे ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, जर्सी, संयुक्त अरब अमीरात और सिंगापुर आदि भी शामिल हैं।

इसके मुताबिक इन द्विपक्षीय बैठकों से भारत को सूचनाओं के लिए लक्षित और विशिष्ट निवेदन करने और यदि सूचना प्रदान करने में कोई समस्या हो तो उसे समभुाने और इससे निपटने की प्रक्रिया तलाशने में मदद मिलेगी। अधिकारी ने कहा कि एेसी तीन बैठें हो चुकी हैं और इस साल करीब आधा दर्जन बैठकें होनी हैं जिनमें से एक यूरोपीय संघ के साथ होगी। अंतरराष्ट्रीय खोजी पत्रकार समूह ने पिछले साल इन नामों का खुलासा किया था और कुछ संदिग्ध इकाइयों का ब्योरा इस साल प्रकाशित किया गया था।

काले धन पर विशेष जांच दल ने इस महीने अपनी ताजा रपट उच्चतम न्यायालय को सौंपी है ताकि उसे कालेधन से जुड़ी विभिन्न जांच के बारे में सूचना प्रदान की जा सके। इनमें सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा एचएसबीसी सूची में शामिल लोगों के खिलाफ 121 मामले शुरू किए जाने से जुड़ी जानकारी भी शामिल है। इस दस्तावेज में कहा गया कि करीब 600 संदिग्ध नाम और पते, जो पिछले साल केंद्रीय आर्थिक आसूचना ब्यूरो (सीईआईबी) को मिले थे, की जांच चल रही है।

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