भारतीय मजदूर संघ ने नीति आयोग द्वारा 92 सार्वजनिक उपक्रमों को विनिवेश सूची में डालने का विरोध किया है। संघ का कहना है कि वह ‘‘सार्वजनिक क्षेत्र बचाने’’ के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेगा। इसके पहले नीति आयोग ने 92 सार्वजनिक उपक्रमों को विनिवेश सूची में डाल दिया है। इस सूची के सार्वजनिक होने के बाद भारतीय मजदूर संघ, पब्लिक सेक्टर कर्मचारी और राष्ट्रीय समन्वय की एक बैठक में तय किया गया कि पब्लिक सेक्टर को बचाने के लिए कर्मचारियों द्वारा एक राष्ट्र व्यापी जागरण अभियान चलाया जाए।
एक सितंबर से अभियान
नीति आयोग के इस कदम के विरोध में मजदूर संघ द्वारा एक से 7 सितंबर के बीच विभिन्न उद्योगों में इकाई स्तर की बैठकें, धरना, प्रदर्शन आदि आयोजित किए जाने की तैयारी है। इसके बाद 15 नवंबर, 2019 को दिल्ली में एक विशाल राष्ट्रीय सम्मेलन भी आयोजित किया जायेगा। सम्मेलन के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में सार्वजनिक उपक्रमों की भूमिका पर एक नीति दस्तावेज तैयार होगा और सार्वजनिक क्षेत्र के श्रमिकों का मांग पत्र भी जारी किया जाएगा। सम्मेलन में भविष्य में होने वाले आंदोलनों की घोषणा भी जाएगी।
जनसंपर्क करेगा मजदूर संघ
जुलाई-अगस्त 2019 के दौरान संघ इस विषय पर यूनियन प्रबंधन पर विशेषज्ञों के साथ सेमीनार भी आयोजित करेगा। इसी कड़ी में राष्ट्रीय स्तर पर नीति-निर्माताओं और सरकार के साथ बैठकें करने की भी योजना है। विनिवेश पर अपनी राय रखने के साथ संघ सांसदों और अन्य गणमान्य लोगों के साथ बड़े स्तर पर जनसंपर्क कार्यक्रम भी आयोजित करेगा। आज हुई बैठक में भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सी. के. सजी नारायणन भी मौजूद थे।
क्या है मामला
नीति आयोग के सुझाव पर इनवेस्टमेंट और पब्लिक एसेट मैनेजमेंट विभाग (DIPAM) ने इस साल विनिवेश के लिए 92 सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) की सूची तैयार की है। इस प्रक्रिया में यह प्रस्ताव रखा गया है कि कुछ कंपनियों में 'रणनीतिक हिस्सेदारी' बेची जाए और कुछ कंपनियों का एसेट बेचा जाए। एयर इंडिया की तीन पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (AIATSL), एयर इंडिया इंजीनियर्रिग सर्विसेज लिमिटेड (AIESL) और एलायंस एयर सर्विसेज लिमिटेड (AASL) को फिर से विनिवेश सूची में रखा गया है।