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भारत में विदेशी निवेश की राह आसान

एफडीआई में संयोजित विदेशी निवेश सीमा की मांग लंबे समय से की जा रही है। विदेशी निवेशक से लेकर भारतीय कंपनियां तक ये मांग करती आ रही हैं।
भारत में विदेशी निवेश की राह आसान

दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आज कुछ अहम फैसले लिए गए। एफडीआई, एफआईआई और अन्य रास्तों से आने वाले विदेशी निवेश सहित संयोजित विदेशी निवेश सीमा के लिये नीति को मंजूरी दी गई है। सरकार के इस फैसले से विदेशी निवेशकों के लिए रक्षा, इंश्योरेंस, ई-कॉमर्स जैसे अहम क्षेत्रों में पूंजी निवेश आसान होगा। एफडीआई में संयोजित विदेशी निवेश सीमा की मांग लंबे समय से की जा रही है। विदेशी निवेशक से लेकर भारतीय कंपनियां तक ये मांग करती आ रही हैं। इस फैसले से भारत में एफडीआई, एफपीआई, एनआरआई के जरिये विदेशी निवेश करना आसान होगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार देश में व्यापार को आसान बनाना चाहती है। इसीलिए संयोजित विदेशी निवेश सीमा को मंजूरी दी गई है।

रेलवे स्टेशन बनेंगे आधुनिक

रेलवे स्टेशन की हालत सुधारने के लिए कैबिनेट ने स्विस चैलेंज मेथड के आधार पर देश भर में 400 रेलवे स्टेशन के विकास को मंजूरी दी है। सरकार इसके जरिए देश भर में रेलवे स्टेशन का बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करेगी। इसके अलावा हरियाणा और उत्तर प्रदेश में ईस्टर्न पेरीफेरल हाईवे को 6 लेन बनाने के प्रस्ताव भी मंजूर किया है। इस प्रोजेक्ट पर 7558 करोड़ रुपये के निवेश की मंजूरी दी गई है।

अन्य अहम फैसले

देश में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को पूंजीगत सहायता देने के लए कैबिनेट ने 700 करोड़ रूपये की मंजूरी दी है। इसके जरिए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको की वित्तीय सेहत में सुधार होगा।

क्लीन एनर्जी फंड के लिए 3419 करोड़ रुपये साथ ही 7500 करोड़ रुपये की लागत से 6 लेन वाले ईस्टर्न पेरीफेरल हाईवे को बनाने की मंजूरी दी है।

24 घंटे बिजली पहुंचाने के वादे को पूरा करने के लिए मोदी सरकार क्लीन एनर्जी पर दांव लगा रही है। इसी के तहत कैबिनेट ने 3419 करोड़ रुपये का क्लीन एनर्जी फंड बनाने की मंजूरी दी है। जो कि पावर लिंकेज के लिए होगा। इससे पावर ट्रांसमिशन सिस्टम मजबूत किया जाएगा।

इसके अलावा 1670 करोड़ रुपये की लागत से देश भर में ई-कोर्ट बनाने का भी फैसला किया गया है।

कैबिनेट की बैठक में भारत और कनाडा के बीच नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में समझौता करने को मंजूरी दे दी गई। इस समझौते से दोनों देशों के बीच नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में तकनीकी, व्‍यावसायिक और आर्थिक सहयोग बढ़ाने में मदद मिलेगी।

 

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