भारत चैंबर आफ काॅमर्स द्वारा आयोजित परिचर्चा को संबोधित करते हुए सिन्हा ने कहा, सरकार १,४०० परियोजनाओं को फिर शुरू करने के लिए काम कर रही है। इसकी वजह से बैंकिंग प्रणाली पर दबाव है। इन्हें पटरी पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को इन मामलों की जानकारी है और वह भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण और ईंधन सुविधा जैसे मुद्दों को सुलझाने का प्रयास कर रही है। इन मुद्दों की वजह से ही ये परियोजनाएं रूकी हुई हैं।
सिन्हा ने कहा कि ईंधन का मुद्दा बहुत हद तक सुलझ गया है क्योंकि सरकार ने रद्द कोयला ब्लाकों का आवंटन कर दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अगले दशक में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर को बिना महंगाई बढ़ाए 8 से 10 प्रतिशत पर ले जाने को प्रतिबद्ध है। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार सामान्य से कमजोर मानसून की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है, जैसा कि मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है, सिन्हा ने कहा, हम पूरी तरह स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।