कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आज कहा, ‘मोदी जी के मुताबिक नोटबंदी के बाद 2017 में 30 प्रतिशत ट्रांजेक्शन डिजिटल में रखा है जिसका कर अनुमान लगाया जाए तो 26 हजार करोड़ रुपये है।’
सुरजेवाला ने कहा कि दैनिक खरीद-फरोख्त करने वाली गरीब जनता से पांच प्रकार के शुल्क लगाकर ये सरकार उनसे वसूली में जुटी है। कार्ड से खरीदारी पर एमडीआर, ब्रांच में तय से ज्यादा लेन-देन पर शुल्क, एटीएम में ज्यादा लेन-देन पर शुल्क, बैंक अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस न रखने पर शुल्क, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन पर शुल्क, सरकार बैंकों की इन फीस पर सर्विस टैक्स लेती है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया कि ये सरकार इतने पर ही नहीं रुकने वाली। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद ये रकम 26 हजार की बजाए 52 हजार करोड़ भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी से पहले देश में 13.5 लाख करोड़ रुपये डिजिटल लेन-देन किया जाता था। नोटबंदी के इस साल हम करीब 51 लाख करोड़ रुपये डिजिटल लेन-देन करेंगे।
सुरजेवाला ने कहा कि होली जैसे त्यौहार पर राशन की दुकान से मिलने वाली चीनी की सब्सीडी भी खत्म कर दी है। प्रधानमंत्री मोदी बात गरीब की करते हैं जबकि गरीब जनता से लगातार वसूली बढ़ाई जा रही है।
गौरतलब है कि देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने हाल ही में महीने में पांच से ज्यादा एटीएम ट्रांजैक्शन पर चार्ज लगा दिया है। इससे पहले तीन और बैंक ऐसा कर चुके हैं। बैंकों की दलील है कि इससे डिजिटल ट्रांजैक्शन बढ़ाने में मदद मिलेगी, लेकिन इसका खामियाजा लोगों को ही उठाना पड़ रहा है। देश में नोटबंदी से पहले 90 फीसदी ट्रांजैक्शन नकद में होते थे और 10 फीसदी डिजिटल। अब स्थिति तेजी से बदल रही है और इस साल डिजिटल लेन-देन 30 फीसदी तक होने का अनुमान है।