त्रिपुरा के राजस्व एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री बादल चौधरी के अनुसार, मेघना नदी पर आशुगंज बंदरगाह के जरिये बांग्लादेश के जलमार्ग का इस्तेमाल कर आवश्यक वस्तुओं, ईंधन और खाद्यान्न त्रिपुरा लाया जा रहा है। जबरदस्त बारिश में भू स्खलन से क्षतिग्रस्त होने की वजह से असम-अगरतला राष्ट्रीय राजमार्ग आठ बंद है। सीमावर्ती असम के करीमगंज जिले में लोवपोई में भी करीब 20 किलोमीटर का मार्ग भी बारिश व जलभराव की वजह से बंद है।
ऐसे में सैकड़ों की संख्या में ट्रक दोनों जगह करीब एक महीने से फंसे पड़े हैं। इससे त्रिपुरा में सामान भेजने में दिक्कत आ रही है। त्रिपुरा सरकार ने बार-बार केंद्र को बांग्लादेश के बंदरगाहों के रास्ते सामान भेजने का आग्रह किया था। इसके बाद आईओसी तथा एफसीआई ने पहल की है। अन्य देश को रास्ता देने के प्रावधान वाली संशोधित आईडब्ल्यूटीटीपी संधि औपचारिक तौर पर 16 जून को लागू की गई। त्रिपुरा में 2015 में भी ऐसे ही हालात बने थे। तब बांग्लादेश ने एफसीआई को अपने बंदरगाहों का इस्तेमाल करने की विशेष अनुमति दी थी। तब एफसीआई ने 35,000 टन चावल त्रिपुरा भेजे थे। अब संधि के औपचारिक तौर पर लागू होने के बाद भारतीय सामान बांग्लादेश से मेघना नदी पर बने आशुगंज बंदरगाह का इस्तेमाल कर त्रिपुरा पहुंचाया जा रहा है।