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भारत में 2015 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का प्रवाह दोगुनाः अंकटाड

भारत में वर्ष 2015 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का प्रवाह लगभग दोगुना हो गया। संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (अंकटाड) ने कहा कि पिछले साल विदेशी निवेश पाने वाले देशों में अमेरिका शीर्ष पर रहा। अंकटाड की सालाना रिपोर्ट के अनुसार पिछले वर्ष वैश्विक स्तर पर एफडीआई का प्रवाह अप्रत्याशित रूप से 36 प्रतिशत बढ़ कर 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के पहले के स्तर के करीब पहुंच गया।
भारत में 2015 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का प्रवाह दोगुनाः अंकटाड

अंकटाड के निवेश एवं उपक्रम विभाग के निदेशक जेम्स भुाान ने कहा, वैश्विक स्तर पर एफडीआई उम्मीद से कहीं अधिक यानी ।,700 अरब डालर पर पहुंच गया, जो इसका संकट पूर्व का स्तर है। इसके अलावा यह वैश्विक वित्तीय एवं आर्थिक संकट के बाद से सबसे ऊंचा स्तर है।

रिपोर्ट के अनुसार विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में एफडीआई का प्रवाह नए ऊंचे स्तर 741 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो 2014 की तुलना में पांच प्रतिशत अधिक है। एशिया सबसे अधिक एफडीआई पाने वाला क्षेत्र रहा और क्षेत्र को 500 अरब डॉलर का विदेशी निवेश मिला, जो वैश्विक प्रवाह का एक-तिहाई बैठता है।

वर्ष 2015 में अमेरिका में सबसे अधिक 384 अरब डालर का एफडीआई आया। उसके बाद हांगकांग (163 अरब डालर), चीन (136 अरब डालर), नीदरलैंड (90 अरब डालर), ब्रिटेन (68 अरब डालर), सिंगापुर (65 अरब डालर), भारत (59 अरब डालर), ब्राजील (56 अरब डालर), कनाडा (45 अरब डालर) और फ्रांस (44 अरब डालर) का स्थान रहा।

अंकटाड के निवेश एवं उपक्रम विभाग के निदेशक जेम्स झान ने कहा, ‘ इसमें बड़ी बात यह है कि इस एफडीआई में कुछ ऐसा एफडीआई भी है जो उत्पादक क्षेत्र में नहीं आया और यह कंपनियों के कारोबार के पुनर्समायोजन या उनके अपने ही निवेश की उल्टा-पल्टी का हिस्सा है। अंकटाड का अनुमान है कि वर्ष 2016 में एफडीआई प्रवाह घटेगा जो वैश्विक अर्थव्यवस्था की कमजोरी और वैश्विक वित्तीय बाजार में उठापटक और कमजोर मांग तथा बड़े उभरते बाजार की वृद्धि दर में भारी गिरावट को परिलक्षित करता है। 

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