केंद्र द्वारा जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड को आवंटित कोयला ब्लॉक रद्द किए जाने के खिलाफ जेएसपीएल ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रूख किया। जेएसपीएल ने कहा कि कोयला मंत्रालय ने आवंटन 20 मार्च को रद्द कर दिया था और चूंकि सरकार बहुत तेजी दिखा रही है इसलिए उसे डर है कि छत्तीसगढ़ में गारे पाल्मा 4:2, 4:3 और तारा ब्लॉक का आवंटन किसी और को किया जा सकता है।
अविलंब सुनवाई की मांग करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर ने यह मामला न्यायाधीश बी डी अहमद और संजीव सचदेव की पीठ के समक्ष रखा। अदालत ने इस मामले को सुनवाई के लिए सोमवार को उपयुक्त पीठ के समक्ष करने के लिए अधिसूचित कर दिया।
कंपनियों की आपसी सांठ-गांठ के कयासों के बीच सरकार ने जेएसपीएल और भारत एल्यूमीनियम कंपनी (बाल्को) द्वारा चार कोयला ब्लॉकों के लिए लगाई गई बोलियों को रद्द कर दिया था और कहा था कि वह पर्याप्त विचार-विमर्श के बाद इसपर अंतिम फैसला लेगी।
सरकार नौ कोयला ब्लॉकों के लिए लगी बोलियों की पुन: जांच कर रही थी। इनमें हाल ही में हुई नीलामी में जेएसपीएल और बाल्को द्वारा लगाई गई बोलियां भी शामिल थीं। इस नीलामी में ये दोनों ही शीर्ष बोली लगाने वालों के रूप में उभरे थे।
जिंदल पावर ने गारे चार (2, गारे पाल्मा चार) तीन अैर तारा कोयला ब्लॉकों की सफल बोली लगाई थी, जबकि बाल्को ने गारे पाल्मा चार। कोयला ब्लॉक की बोली लगाई थी। अब तक दो चरणों के तहत कुल 33 कोयला ब्लॉकों की नीलामी हुई है। पहले चरण में 19 कोयला खानों की नीलामी हुई थी, जबकि दूसरे चरण में 14 कोयला ब्लॉकों की नीलामी हुई थी।