नई दिल्ली। गुरुवार देर रात जारी बयान में कंपनी ने मैगी नूडल्स को पूरी तरह सुरक्षित बताते हुए कहा कि हालिया घटनाक्रमों और उत्पाद के बारे में आधारहीन चिंताओं के कारण उपभोक्ता के लिए भ्रम का माहौल बना है। इस स्थिति में हमने दुकानों से इस उत्पाद को वापस लेने का फैसला किया है। कंपनी ने दावा किया है कि जैसे ही मौजूदा हालात को लेकर स्थिति स्पष्ट हो जाएगी, विश्वसनीय मैगी नूडल्स बाजार में वापस आएगा।
उधर, मैगी में हानिकारक लैड और अन्य तत्वों की मात्रा मानकों से अधिक पाए जाने के बाद दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु , जम्मू-कश्मीर तथा उत्तराखंड ने मैगी नूडल्स की बिक्री पर रोक लगा दी है। देश के कई दूसरे राज्यों में भी मैगी के नमूनों की जांच कराई जा रही है। केंद्र सरकार ने भी जांच का भरोसा देते हुए राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग को मामला सौंप दिया है।
तमिलनाडु और उत्तराखंड सरकार ने नेस्ले के फटाफट नूडल्स की बिक्री पर तीन महीने की रोक लगायी है जबकि गुजरात में इसके कुछ नमूनों के जांच में खराब पाए जाने के बाद एक महीने के लिए प्रतिबंध लगाया गया है। अधिकारियों ने चेन्नई , देहरादून और गांधीनगर में यह जानकारी दी।जम्मू-कश्मीर में राज्य सरकार ने मैगी को खाने के लिहाज से सुरक्षित पाए जाने संबंधी रिपोर्ट मिलने तक एक महीने के लिए इसकी बिक्री पर रोक लगाने का फैसला किया है। चारों राज्यों ने मैगी उत्पाद की मालिकाना कंपनी नेस्ले इंडिया को भी तुरंत अपने मौजूदा मैगी स्टाक को वापस मंगाने को कहा है।
बिहार और उत्तर प्रदेश सरकारें कोई कार्रवाई करने से पूर्व नूडल्स के नमूनों की जांच के परिणामों की प्रतीक्षा कर रही हैं। दिल्ली ने कल 15 दिन के लिए मैगी की बिक्री पर रोक लगाने का एेलान किया था। मैगी के अलावा गुजरात सरकार ने सनफीस्ट तथा एस के फूड्स के फटाफट नूडल्स के एक एक नमूने की भी जांच कराई और उसमें सीसा की मात्राा 4 पीपीएम पाए जाने के बाद एस के फूड्स के नूडल्स पर एक महीने के लिए रोक लगा दी।
नेस्ले के सीईओ की सफाई
मैगी विवाद पर आज नेस्ले के सीईओ पॉल बल्के ने सामने आकर सफाई दी है। एक प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि नेस्ले की ओर से सफाई- गुणवत्ता के मापदंड पूरी दुनिया में समान हैं। कंपनी अपने उत्पादों में एमएसजी नहीं मिलाती। उन्होंने दावा किया कि मैगी में कुछ भी हानिकारक नहीं है और जल्द ही मैगी पूरी तरह सुरक्षित साबित होकर फिर से ग्राहकों तक पहुंचेगी। किसी थर्ड पार्टी की किसी जांच के नतीजे उनके पास नहीं पहुंचे हैं। इस बारे में मीडिया के जरिए ही पता चला है। कंपनी यह जानने की कोशिश करेगी कि आखिर कंपनी की जांच और अन्य प्रयोगशालाओं की जांच में अंतर क्यों है। फिलहाल ग्राहकों की चिंता और भ्रम को देखते ही मैगी नूडल्स को बाजार से वापस लिया जा रहा है।