नैटहेल्थ के महासचिव अंजन बोस का कहना है कि एक बार जब जीएसटी का क्रियान्वयन हो जाएगा, तब अनेक क्षेत्र सेवा कर के दायरे में आ जाएंगे। हेल्थकेयर अभी तक सेवा कर के दायरे बाहर रहा है और यह स्थिति जीएसटी बिल के पारित होने के बाद भी कम से कम 10 वर्षों की अवधि के लिए जारी रहनी चाहिए और उसके बाद ही इस पर शुल्क आरोपित करने के विषय में सोचा जाना चाहिए। इसका निर्णय हेल्थकेयर कवरेज के स्टेटस के आकलन एवं प्रमुख हेल्थकेयर क्षेत्र में लागत व परफाॅर्मेंस के अनुशीलन के बाद ही लिया जाना चाहिए। बोस के मुताबिक लंबी प्लेबैक अवधि को प्रदान करते हुए कर छूट की अवधि को 5 वर्ष की अवधि से बढ़ा कर 10 वर्ष के लिए किए जाने से निवेश के बिजनेस केस में सुधार होगा।
नैटहेल्थ के अध्यक्ष सुशोभन दासगुप्ता ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सरकार से यह गुजारिश की गई है कि वह मेडिकल, पैथोलाॅजिकल इक्विप्मेंट एवं मेडिकल उपकरणों पर लागूकरण योग्य घिसावट दर को 15 से 30 प्रतिशत बढ़ा दे। उन्होने बताया कि वर्तमान समय में 100 बिस्तरों एवं इससे अधिक बिस्तरों वाले अस्पतालों के पूंजी निवेश पर काॅर्पोरेट आय कर इंसेंटिव दिया जाता है, जिसे 50 बिस्तरों वाले ग्रीनफील्ड हाॅस्पिटल्स के लिए संशोधित किए जाने की आवश्यकता है। यह पहल छोटी सुविधाओं को लाभ पहुंचाने वाली होनी चाहिए एवं यह निश्चित रुप से टियर 2, 3 व 4 शहरों के लिए अति आवश्यक हेल्थकेयर सुविधाओं की व्यवस्था को प्रोत्साहित करेगी।