राजस्थान सरकार ने हाईकोर्ट की एकल पीठ द्वारा पारित निर्देश के अनुसार राज्य में मावा एवं मावे से निर्मित खाद्य पदार्थों के निर्माण एवं बिक्री को आगामी आदेशों तक पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया है। जनस्वास्थ्य निदेशक डाॅ. बीआर मीणा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि हाईकोर्ट के आदेश की अनुपालना गंभीरता से सुनिश्चित की जायेगी। इसके लिए प्रदेश की सभी संबंधित विभागीय शाखाओं और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट की पीठ में कल मिलावट रोकने के मामले में दायर एक याचिका पर सुनवाई हुई थी। पीठ को बताया गया कि सरकार ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 30 में प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए मावे और मावे से बने उत्पाद की बिक्री पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है। हाईकोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 17 नवम्बर को करेगा।