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अच्‍छे दिन : पिछले दो साल में महंगाई की दर छह फीसदी से आगे निकल गई

महंगाई से अभी कोई राहत मिलने की उम्‍मीद नहीं है। मानसून उम्मीद के मुताबिक बेहतर रहा है लेकिन आर्थिक विशेषज्ञों ने महंगाई में कमी नहीं होने का आकलन लगाया है।
अच्‍छे दिन : पिछले दो साल में महंगाई की दर छह फीसदी से आगे निकल गई

राजग सरकार की चिंता इस बात को लेकर ज्यादा है कि महंगाई से राहत की बातें कहीं काल्पिनक साबित न हो जाए।

जीएसटी अगले साल से लागू होना है। तय माना जा रहा है कि इस कर-व्यवस्था के लागू होने पर महंगाई बढ़ेगी। अगर लक्ष्य निर्धारित करके आगे नहीं बढ़ी तो महंगाई के मोर्चे पर सरकार को काफी मुश्किलों भरे हालात का सामना करना पड़ सकता है। सरकार की कोशिश रही है कि किसी भी सूरत में महंगाई की दर छह फीसद के पार न जाने पाए।

स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले के प्राचीर से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा था कि बीते दो साल में उनकी सरकार ने महंगाई को छह फीसद की हद में रखा है। हालांकि महंगाई की वृद्धि दर मामूली बढ़ोतरी के साथ छह फीसद का आंकड़ा बीते जुलाई माह में ही पार कर चुकी थी, जब उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई की दर बीते 23 माह के उच्चतम स्तर 6.07 फीसद पर पहुंच गई थी।

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