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नीतिगत दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है रिजर्व बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल नोटबंदी की वजह से प्रभावित बैंकों को राहत के लिए बुधवार को मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में 0.25 प्रतिशत की और कटौती कर सकते हैं। ज्यादातर बैंकरों ने यह राय व्यक्त की है।
नीतिगत दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है रिजर्व बैंक

नोटबंदी के बाद केंद्रीय बैंक की यह पहली मौद्रिक समीक्षा है। सरकार द्वारा 8 नवंबर को 500 और 1,000 का नोट बंद करने के बाद से बैंकों की जमा में जोरदार इजाफा हुआ।

पटेल ने रिजर्व बैंक गवर्नर के रूप में अपनी पहली मौद्रिक समीक्षा में अक्तूबर में रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत किया था। यह दूसरी मौद्रिक समीक्षा है जो मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सिफारिशों पर आधारित होगी। जनवरी, 2015 के बाद से केंद्रीय बैंक रेपो दरों में 1.75 प्रतिशत की कटौती कर चुका है।

केनरा बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी राकेश शर्मा ने कहा कि मुद्रास्फीति में नरमी से हमें उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती करेगा। इसी तरह की राय जताते हुए आईडीबीआई बैंक के मुख्य वित्त अधिकारी आर के बंसल ने कहा कि केंद्रीय बैंक रेपो दर को घटाकर 6 प्रतिशत पर लाएगा।

बैंकरों का मानना है कि बाजार स्थिरीकरण योजना (एमएसएस) की सीमा को 30,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 6 लाख करोड़ रुपये करने के बाद रिजर्व बैंक बढ़ी हुई जमा पर 100 प्रतिशत की दर से नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) की व्यवस्था जारी नहीं रखेगा।

भाषा

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