ईपीएफओ की शीर्ष नीति निर्धारक संस्था केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) कर्मचारियों की आवासीय सुविधा के बारे में विशेषज्ञ समिति की राय पर विचार करेगा। आगामी बैठक में यह मुख्य एजेंडा होगा। समिति ने सर्वसम्मति से कर्मचारियों को घर खरीदने के लिए अग्रिम राशि देने की योजना की सिफारिश की है जिसके तहत उन्हें भविष्य में अपनी इस अग्रिम राशि का भुगतान ईएमआई के आधार पर करने का प्रावधान है।
प्रस्तावित योजना के तहत कर्मचारी, बैंक या आवासीय एजेंसी तथा ईपीएफओ का तीन पक्षीय समझौता होगा जिसमें उन्हें ईएमआई भुगतान के जरिये ली गई अग्रिम राशि पीएफ में जमा करने की सुविधा मिलेगी। पैनल का सुझाव है कि इस योजना के तहत कर्मचारियों को बैंक या आवासीय वित्तीय कंपनियों से कर्ज दिया जाएगा और वह संपत्ति कर्ज देने वाली वित्तीय कंपनी के पास गिरवी रखी जाएगी। सुझाव है कि आवास विकास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय की योजनाओं के फायदों में भी इस योजना के लाभार्थियों को शामिल किया जाएगा।
हालांकि पैनल का सुझाव है कि यह योजना निम्न आय वाले स्थायी कर्मचारियों के लिए होनी चाहिए जो ईपीएफओ के उपभोक्ता हैं लेकिन अपनी पूरी नौकरी के दौरान एक मकान नहीं खरीद पाते हैं। इसके अलावा श्रम मंत्री की अध्यक्षता वाला सीबीटी भी अपनी बीमा योजना ईडीएलआई को मौजूदा 3.6 लाख रुपये से बढ़ाकर 5.5 लाख रुपये करते हुए इस प्रस्ताव में सहयोग करेगा। सीबीटी की निर्णायक सिफारिश से पहले उपसमिति इस प्रस्ताव पर बुधवार को विचार करेगी।