मेक इन इंडिया सप्ताह का आयोजन मध्य मुंबई में खासतौर पर तैयार बीकेसी व्यावसायिक केन्द्र में किया गया। फिनलैंड और स्वीडन के प्रधानमंत्री और पौलेंड के उप प्रधानमंत्री भी इस अवसर पर उपस्थित थे। मेक इन इंडिया सप्ताह का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने स्वीडन और फिनलैंड के प्रधानमंत्रियों तथा मंत्रियों के साथ समूचे सम्मेलन परिसर का दौरा किया। मोदी ने उद्घाटन कार्यकम में कहा, हमने कराधान के मोर्चे पर अनेक सुधार किए हैं। हम कह चुके हैं कि पिछली तारीख से कर लगाने की व्यवस्था बहाल नहीं की जाएगी, और मैं इस प्रतिबद्धता को एक बार फिर दोहराता हूं। हम अपनी कर प्रणाली को पारदर्शी, स्थिर व विश्वसनीय बनाने के लिए भी तेजी से काम कर रहे हैं।
अपने संबोधन में विश्वसनीय व स्थिर कर प्रणाली का वादा करते हुए पीएम ने कहा कि भारत में निवेश के लिए यह सबसे अच्छा समय है क्योंकि सरकार कंपनी कानून न्यायाधिकरण की स्थापना व प्रभावी आईपीआर प्रणाली सहित अनेक सुधार कर रही है। उन्होंने अपने संबोधन में विनिर्माण को बढावा देने के लिए सरकार की पहलों को भी रेखांकित किया। मोदी ने कहा कि लाइसेंस, सुरक्षा व पर्यावरण से जुड़ी मंजूरियों के संबंध में प्रावधानों को युक्तिसंगत तथा प्रकिया को सरल बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं कहता रहा हूं कि यह सदी एशिया की सदी है। मेरी आपको सलाह है कि यदि आप इस सदी को अपनी सदी बनाना चाहते हैं तो भारत को अपना केंद्र बनाएं। इसके साथ ही उन्होंने निवेशकों को भारत की विकास गाथा में शामिल होने न्योता दिया। उन्होंने कहा, जो यहां उपस्थित हैं और वह भी जो यहां नहीं भी हैं उन्हें मैं भारत की वृद्धि में भागीदार बनने के लिए आमंत्रित करता हूं। देश के आर्थिक विकास की दिशा में अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, एफडीआई के मामले में भारत सबसे ज्यादा खुला देश है, हमारी सरकार के सत्ता में आने के बाद से देश में एफडीआई प्रवाह 48 प्रतिशत बढ़ा है।
हालांकि मेक इन इंडिया सप्ताह का उद्घाटन कार्यक्रम मीडिया की पहुंच से बाहर रहा। मीडिया कर्मियों को इसके लिए पास जारी किए जाने के बावजूद उद्घाटन सत्र के दौरान समंवय को लेकर भ्रम की स्थिति बनी रही। प्रधानमंत्री मोदी का शाम को एक पुरस्कार वितरण कार्यक्रम के दौरान देश विदेश से आए प्रतिनिधियों को संबोधित करने का कार्यक्रम है।