यूबी समूह ने कहा है कि वह इस फैसले को चुनौती देने के लिए अपने वकीलों से विचार विमर्श कर रहा है जबकि पीएनबी ने जोर देकर कहा है कि व्यापक देश हित में कर्ज का पैसा लौटाया जाना चाहिए। पीएनबी तीसरा सार्वजनिक बैंक है जिसमें संकट में फंसी विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस तथा इसके दो गारंटरों - यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग्स लिमिटेड और माल्या- को जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाला (विलफुल डिफाल्टर) घोषित किया है। यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया व भारतीय स्टेट बैंक यह पहले ही एेसा कर चुके हैं।
यूबीएचएल ने बंबई शेयर बाजार को भेजी सूचना में कहा कि पीएनबी ने 11 फरवरी को भेजे पत्र के जरिये उसे विलफुल डिफाॅल्टर घोषित किया है। कंपनी ने कहा कि उसे यह पत्रा सोमवार को मिला है। यूबीएचएल ने कहा कि कंंपनी इस फैसले को चुनौती देने के लिए अपने वकीलों से विचार विमर्श कर रही है।
पीएनबी का इस विमानन कंपनी में 800 करोड़ रुपये फंसा है। भारी कर्ज बोझ तथा भुगतान चूक के चलते कंपनी को अपना परिचालन बंद करना पड़ा था। पीएनबी की प्रमुख उषा अनंतसुब्रमणयन ने कहा, जब लोगों के पास भुगतान के साधन हैं तो उन्हें चुकाना चाहिए। कुछ लोगों के पास धन है लेकिन वे चुकाना नहीं चाहते। एसबीआई की अगुवाई वाले बैंकों के समूह ने किंगफिशर से 6963 करोड़ रुपये के कर्ज की वसूली करनी है। समूह ने मुंबई स्थित किंगफिशर हाउस की नीलामी इस साल 17 मार्च को करने का फैसला किया है ताकि आंशिक बकाये की वसूली की जा सके।