उच्चतम न्यायालय ने कहा कि राय की रिहाई की तारीख से सहारा द्वारा सेबी को 18 माह में 36,000 करोड़ रुपये नौ किस्तों में देने हैं। पहली किस्त 3,000 करोड़ रुपये की होगी और दो बार चूक करने पर सहारा द्वारा दी गई बैंक गारंटी को सेबी भुना सकता है। भुगतान के संबंध में अदालत के निर्देशों का पालन नहीं किया जाता तो राय को समर्पण करना होगा।
राय और सहारा के जेल में बंद दो अन्य निदेशकों को रिहा होने पर अपने पासपोर्ट जमा करने होंगे और वे देश से बाहर नहीं जा सकेंगे। न्यायालय ने कहा कि देश में कहीं भी आने जाने के बारे में राय को दिल्ली पुलिस को अवगत कराते रहना होगा। न्यायालय ने रिहाई के लिए राशि की व्यवस्था करने की खातिर तिहाड़ जेल में राय की हिरासत अवधि आठ सप्ताह तक बढ़ाई।
न्यायालय द्वारा फैसला सुनाने जाने के बाद राय के वकील ने 5,000 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी जमा करने में मुश्किल जताई।