हैदराबाद। मैगी के बाद रेस्त्रां चेन केएफसी के उत्पादों पर सवाल खड़े होने लगे हैं। तेलंगाना सरकार का इंस्टीट्यूट आॅफ प्रिवेंटिव मेडिसिन आईपीएम केएफसी उत्पादों के नमूनों की जांच कर रहा है। कुछ दिन पहले एक गैर-सरकारी संस्था ने केएफसी के खाने में नुकसानदायक बैक्टीरिया होने के आरोप लगाए थे।
आईपीएम के निदेशक के अमरेंद्र रेड्डी ने कहा, मैंने निरीक्षकों से नमूने लेने को कहा है। 14 नमूने लिए गए हैं। बुधवार तक रिपोर्ट आएगी। उन्होंने बताया कि आरोप लगाने वाले एनजीओ द्वारा भेजे गये नमूने अनौपचारिक होंगे। जब हम नमूने लेेंगे तो वैध नमूने माने जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण के दिशानिर्देशों के अनुसार जनहित में नमूनों की जांच की जा रही है।
एनजीओ बलाला हक्कुला संघम ने दो दिन पहले दावा किया था कि उसके द्वारा कराए गए प्रयोगशाला परीक्षण में पता चला कि केएफसी के उत्पादों में ई कोली और सल्मोनेला जैसे हानिकारक बैक्टीरिया हैं। हालांकि, केएफसी ने एक बयान जारी कर इन आरोपों को सिरे से नकार दिया था। केएफसी का कहना है कि ये झूठे हैं और उसकी साख को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।