वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, हम स्वास्थ्य, पर्यटन, व्यापार तथा सेमिनार तथा सम्मेलनों के लिये आने वाले लोगों के लिये वीजा नियमों में छूट दे रहे हैं। इस बारे में एक नोट गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा क्योंकि यह मामला उसके दायरे में आता है।
यह प्रस्ताव मंत्रालय के देश के सेवा कारोबार को गति देने की पहल का हिस्सा है। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि भारत विदेशियों तथा विदेशी विनिमय के संदर्भ में सालाना करीब 80 अरब डालर मूल्य के बड़े अवसर से चूक रहा है। थाईलैंड जैसे छोटे देश लाखों लोगों को आकर्षित करते हैं वहीं भारत में सैलानियों की आवक काफी कम है। अधिकारी ने कहा कि मेक इन इंडिया तथा डिजिटल इंडिया जैसे सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों के मकसद को प्राप्त करने के लिये हमें आसान वीजा व्यवस्था की जरूरत है।
इस बीच, इक्रियर के एक कार्यक्रम में वाणिज्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अरविंद मेहता ने कहा कि नौ महीनों के भीतर सरकार सेवा व्यापार का अलग-अलग आंकड़ा दे सकेगा जिससे देश को मुक्त व्यापार समझौतों के लिये बातचीत में देश को मदद मिलेगी।