कोरोना वायरस के चलते लॉक डाउन से जिन कारोबारियों का बिजनेस प्रभावित हुआ है उनकी मदद के लिए कुछ बैंक आगे आए हैं। इन्होंने कारोबारियों के लिए इमरजेंसी क्रेडिट लाइन की व्यवस्था की है। यह उनके स्वीकृत वर्किंग कैपिटल लोन के 10 फ़ीसदी के बराबर होगा। हालांकि बैंकों ने इस इमरजेंसी लोन की अधिकतम सीमा भी रखी है। यह सुविधा देने वाले बैंकों में इंडियन बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, यूको बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक शामिल हैं। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने पिछले हफ्ते ऐसे ही उपायों की घोषणा की थी। यह कंपनियों की वर्किंग कैपिटल लिमिट के 10 फ़ीसदी के बराबर अतिरिक्त फंडिंग दे रहा है। हालांकि उसकी अधिकतम सीमा 200 करोड़ रुपए रखी गई है। गुरुवार तक 18 सरकारी बैंकों में से 15 ऐसी घोषणाएं कर चुके थे।
इमरजेंसी क्रेडिट लोन से कम होगी तरलता की समस्या
इंडियन बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर पद्मजा चुंदुरू ने कहा कि अर्थव्यवस्था के सभी सेक्टर कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। इसे देखते हुए हमने कंपनियों को तत्काल लिक्विडिटी की जरूरत पूरी करने का फैसला किया है और कुछ नए प्रोडक्ट लॉन्च किए हैं। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने ट्वीट किया कि कारोबारियों की तरलता की समस्या दूर करने के लिए कोविड इमरजेंसी लाइन ऑफ क्रेडिट शुरू किया गया है। इसी तरह बैंक ऑफ इंडिया ने भी इमरजेंसी क्रेडिट लाइन शुरू करने की घोषणा की है।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा है कि उसने कोरोनावायरस के कारण प्रभावित अपने एमएसएमई और कॉर्पोरेट ग्राहकों के लिए इमरजेंसी क्रेडिटलाइन की व्यवस्था शुरू की है। केनरा बैंक ने अपने आधिकारिक टि्वटर हैंडल पर लिखा कि वह एमएसएमई, कॉरपोरेट, बिजनेस, एग्रीकल्चर और रिटेल ग्राहकों के लिए विशेष लोन स्कीम लेकर आया है। इसका मकसद लिक्विडिटी और कैश फ्लो की समस्या को दूर करना है। इंडियन ओवरसीज बैंक ने एमएसएमई के लिए कोविड लाइन ऑफ सपोर्ट स्कीम लॉन्च की है।
नए कर्ज की वसूली 6 महीने बाद शुरू होगी
इंडियन बैंक ने वेतनभोगी वर्ग के लिए भी कोविड इमरजेंसी सैलेरी लोन की घोषणा की है। इसके तहत अधिकतम दो लाख रुपए का कर्ज मिल सकता है। ज्यादातर बैंकों की तरफ से यह कर्ज 36 महीने के लिए दिए जा रहे हैं और इनकी वसूली 6 महीने बाद शुरू होगी। इस पर ब्याज की दर 1 साल के एमसीएलआर के बराबर होगी। ज्यादातर बैंकों ने एमएसएमई के लिए अधिकतम 50 लाख रुपए के अतिरिक्त कर्ज की घोषणा की है उन्हें यह लोन 60 महीने यानी 5 साल के लिए मिलेगा। सेल्फ हेल्प ग्रुप के लिए भी मौजूदा हालात में अलग से कर्ज की व्यवस्था की गई है।