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एसबीआई से कर्ज लेना हुआ सस्ता, 0.05 फीसदी घट गई एमसीएलआर

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कर्ज लेना सस्ता कर दिया है। बैंक ने सभी अवधियों के कर्ज के लिए एमसीएलआर...
एसबीआई से कर्ज लेना हुआ सस्ता, 0.05 फीसदी घट गई एमसीएलआर

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कर्ज लेना सस्ता कर दिया है। बैंक ने सभी अवधियों के कर्ज के लिए एमसीएलआर में 0.05 प्रतिशत की कटौती की है।

इसके चलते एसबीआई में अब एक साल की एमसीएलआर 8.45 प्रतिशत से कम होकर 8.40 फीसदी सालाना पर आ गई है। एमसीएलआर से जुड़े बैंक के सभी कर्जों के लिए ब्याज दर अब 0.05 फीसदी घट गई है।

नई एमसीएलआर 10 जुलाई 2019 से लागू होगी। यह मौजूदा वित्त वर्ष में बैंक द्वारा तीसरा रेट कट है। इस नए रेट कट को मिलाकर 10 अप्रैल 2019 से अब तक होम लोन की ब्याज दरें 0.2 फीसदी घट गई हैं।

क्यों घटी एमसीएलआर

दरअशल, भारतीय रिजर्व बैंक ने फरवरी से अब तक रेपो दरों में 0.75 प्रतिशत की कटौती की है। उसने भी बैंकों से इसका लाभ जल्द से जल्द ग्राहकों को हस्तांतरित करने के लिए कहा है। रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैकों को रेपो के हिसाब से फौरी जरूरत के लिए एक दिन को नकद धन देता है। यह दर इस समय 5.75 प्रतिशत है।

लिहाजा एसबीआई से पहले आईसीआईसीआई बैंक ने भी सभी अवधियों के ऋण पर कोष की सीमांत लागत आधारित ऋण ब्याज दर (एमसीएलआर) को 0.10 प्रतिशत घटा दिया। नई दरें तत्काल प्रभाव से लागू हो गयी हैं। वाहन, आवास इत्यादि अधिकतर ऋण एक साल की अवधि वाले एमसीएलआर पर आधारित होते हैं। बैंक ने अपनी एमसीएलआर घटाकर 8.65 प्रतिशत कर दिया है।

एमसीएलआर क्या है?

बैंकों द्वारा एमसीएलआर  बढ़ाए या घटाए जाने का प्रभाव नए लोन लेने वालों के अलावा उन ग्राहकों पर पड़ता है, जिन्होंने अप्रैल 2016 के बाद लोन लिया हो। दरअसल अप्रैल 2016 से पहले रिजर्व बैंक द्वारा लोन देने के लिए तय मिनिमम रेट बेस रेट कहलाती थी। बैंक इससे कम दर पर ग्राहकों को लोन नहीं दे सकते थे। 1 अप्रैल 2016 से बैंकिंग सिस्टम में एमसीएलआर लागू हो गई और यह लोन के लिए मिनिमम दर बन गई। यानी उसके बाद एमसीएलआर  के आधार पर ही लोन दिया जाने लगा।

 

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