इन संपत्तियों में भूखंड, इमारतें, फ्लैट, कुर्सी, मेज, टीवी, फ्रिज, जनरेटर, कंप्यूटर तथा कुछ अन्य चल संपत्तियां कुर्क की गई हैं। इनमें से अधिकांश संपत्तियां पश्चिम बंगाल में है। सेबी ने कंपनी और सेन को आदेश दिया है कि वे अपनी चल अचल सम्पत्ति की पूरी जानकारी उसे दें। पश्चिम बंगाल में जनता से निवेश जुटाने की योजना में एक भारी धोखाधड़ी का मामला समाने आने के बाद सेबी ने सारदा समूह के खिलाफ अपना पहला आदेश अप्रैल 2013 में जारी किया है। नियामक ने जमीन-जायदाद के काम में लगी कोलकाता की इस कंपनी को अपनी सामूहिक जमा योजनाएं बंद करने तथा निवेशकों का पैसा तीन माह में वापस करने का ओदश दिया था।
सेबी ने कंपनी और इसके प्रमुख को बाजार में कोई व्यवहार करने से रोक दिया था। निवेशकों का पैसा लौटाने में चूक करने पर सेबी ने पिछले वर्ष जून मंे कंपनी और उसके प्रमुख के विभिन्न बैंक खातों और डी-मैट खातों को कुर्क कर लिया था। लेकिन उनमें इतनी धन सम्पत्ति नहीं थी कि निवेशकों के धन, ब्याज और शुल्क आदि की वसूली हो सके।