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धोखाधड़ी मामले में यूनिटेक के मालिकों को हाईकोर्ट से जमानत

दिल्ली की एक अदालत ने यूनिटेक लिमिटेड के चेयरमैन और कंपनी के दो प्रबंध निदेशकों को कथित धोखाधड़ी के मामलों में आज 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। लेकिन चंद घंटों के भीतर ही दिल्ली हाईकोर्ट ने राहत देते हुए इन्‍हें तीन दिन की अंतरिम जमानत दे दी है। धोखाधड़ी का यह मामला यूनिटेक से फ्लैट खरीदने वाले दो निवेशकों ने दायर किया था।
धोखाधड़ी मामले में यूनिटेक के मालिकों को हाईकोर्ट से जमानत

अतिरिक्त मुख्य मेटोपालिटन मजिस्ट्रेट गौरव राव ने दो शिकायतकर्ताओं के संबंध में कंपनी के चेयरमैन रमेश चन्द्रा, प्रबंध निदेशक संजय चन्द्रा व अजय चन्द्रा और समूह के निदेशक मिनोती बहरी को 25 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अदालत ने कंपनी के इन अधिकारियों को जमानत देने से मना कर दिया है। कंपनी अधिकारियों ने अदालत से राहत की गुहार लगाते हुए यह दलील दी कि एेसी वित्तीय दिक्कतों एवं परिस्थितियों के चलते वे शिकायर्ता को भुगतान करने में असमर्थ रहीं जो उनके जो उनके वश के बाहर थीं। इन आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने पर ये अधिकारी अदालत में पेश हुए थे।

मजिस्ट्रेट ने कहा, सभी जमानत याचिकाएं खारिज की जाती हैं। आरोपियों को 25 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेजा जाए। जमानत याचिका खारिज किए जाने के तुरंत बाद आरोपी अधिकारियों ने अपने वकील विजय अग्रवाल के मार्फत राहत के लिए जिला जज से संपर्क किया और जमानत की अर्जी दी और इसकी एक प्रति अतिरिक्त सेशन जज विमल कुमार यादव को भी भेजी।

हाईकोर्ट से यूनिटेक के चेयरमैन सहित सभी लोगों को इस शर्त पर जमानत दी गई है कि वे राज्‍य उपभोक्‍ता फोरम के आदेश का पालन करेंगे और शिकायतकर्ताओं के साथ सभी लंबित मामलों को सुलझा लेंगे। 

क्‍या है मामला 

चार्टर्ड एकाउंटेंट संजय कालरा और उनके कारोबारी साझीदार देवेश वाधवा द्वारा दाखिल शिकायत के मुताबिक, इन्होंने यूनिटेक लिमिटेड द्वारा ग्रेटर नोएडा में विकसित हैबिटेट अपार्टमेंट में एक फ्लैट बुक कराया था लेकिन इन्हें कब्जा नहीं दिया गया। अदालत के पूर्व के आदेश के बावजूद यूनिटेक ने इन शिकायतकर्ताओं को पूरा पैसा वापस नहीं किया।

 

 

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