हालांकि, भारतीय ऋण बाजारों को लेकर इन निवेशकों का उत्साह बना हुआ है। समीक्षाधीन अवधि में उन्होंने ऋण बाजारों में शुद्ध रूप से 2,353 करोड़ रुपये का निवेश किया है। डिपाजिटरियों के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 1 से 22 जनवरी के दौरान एफपीआई ने शेयर बाजारों में कुल मिलाकर 53,296 करोड़ रुपये डाले और 63,259 करोड़ रुपये निकाले। इस तरह उनकी शुद्ध निकासी 9,963 करोड़ रुपये या 1.47 अरब डालर रही।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि शेयर बाजारों से निकासी के लिए कई कारण मसलन कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आदि प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं। इस दौरान कच्चा तेल गिरकर 28 डालर प्रति बैरल पर आ गया। वर्ष 2015 में एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 17,806 करोड़ रुपये तथा बांड बाजार में 45,856 करोड़ रुपये डाले थे।