मंगलवार को बंबई शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ बंद हुआ। बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 541अंक नीचे गिर गया जिससे कारोबारियों में बेचैनी का रूख देखा गया। शेयर बाजार का सूचकांक 25,652 पर और निफ्टी 168 अंकों की गिरावट के साथ 7,655 पर बंद हुआ। बाजार में भारी गिरावट की वजह से निवेशकों को एक लाख करोड़ का नुकसान हुआ। ब्याज दरों को यथावत रखने के अमेरिकी फेडरल रिजर्व के निर्णय के बाद यूरोपीय बाजार दबाव में हैं। आज फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के शेयर सूचकांक तीन प्रतिशत तक टूट गए। हेम सिक्युरिटीज के निदेशक गौरव जैन ने कहा, यूरोपीय बाजारों में गिरावट, चीन की चिंताओं, मुनाफा वसूली के चलते सूचकांकों में तेज गिरावट आई। एशियाई विकास बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान आज घटाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया। इसका असर भी बाजार पर साफ दिखाई दिया।
30 शेयरों वाला सेंसेक्स मजबूती के साथ खुला, लेकिन चौतरफा बिकवाली के दबाव से यह 541.14 अंक नीचे गिरकर 25,651.84 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स का 10 सितंबर के बाद यह सबसे निचला स्तर है। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी कारोबार के दौरान दिन के निचले स्तर 7,787.75 अंक पर आ गया। ब्रोकरों ने कहा कि एशियाई विकास बैंक द्वारा 2015-16 के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 7.4 प्रतिशत किए जाने से धारणा कमजोर हुई। इससे पहले एडीबी ने भारत की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। ब्रोकरेज फर्म जियोजित बीएनपी परिबा फाइनेंशियल सर्विसेज के तकनीकी अनुसंधान प्रमुख आनन्द जेम्स ने कहा, वायदा एवं विकल्प सौदों का निपटान करीब है। इससे निवेशकों ने नए सौदे करने से परहेज किया। डालर के मुकाबले रुपये में गिरावट का भी शेयर बाजारों पर असर पड़ा। वहीं अन्य एशियाई बाजारों में तेजी का रुख रहा।