कोरोना संकट का कोई अंत होते न देख बाजार में शंकाएं बनी हुई है। पिछले सप्ताह भारी गिरावट के बाद सरकार और आरबीआइ के उपायों से बाजार में तेजी आई थी लेकिन इस सप्ताह के पहले दिन आज बांबे शेयर बाजार का सेंसेक्स 1375 अंक लुढ़क गया। बैंकिंग और ऑटो कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई।
बीएसई सेंसेक्स 1500 अंकों की गिरावट के बाद 1375.27 अंकों के नुकसान के साथ 28,440.32 अंकों पर बंद हुआ। इसी तहत नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 379.15 अंक गिरकर 8281.10 के स्तर पर बंद हुआ।
इन शेयरों में दिखी हलचल
सेंसेक्स पैक में सबसे ज्यादा 12 फीसदी गिरावट बजाज फाइनेंस में दर्ज की गई। एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, टाटा स्टील, आइसीआइसीआइ बैंक और मारुति में भी काफी गिरावट रही। दूसरी ओर नेस्ल इंडिया, टेक महिंद्रा, एचयूएल और एक्सिस बैंक के शेयर में मजबूती का रुख रहा।
क्या कहते हैं विश्लेषक
ब्रोकरेज फर्म आनंद राठी के इक्विटी रिसर्च (फंडामेंटल) के प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने कहा कि इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजारों की शुरूआत गिरावट के साथ हुई है। ग्लोबल इक्विटी और अन्य वित्तीय बाजारों में कोरोना संकट के कारण भारी उथल-पुथल जारी रही। इसका असर आज एशियाई और भारतीय बाजारों पर पड़ा।
विकास दर गिरने का अंदेशा
रेटिंग एजेंसी फिच ने अगले वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक विकास का अनुमान घटाकर 4.6 फीसदी कर दिया है। कोरोना संकट के चलते दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं पर असर पड़ रहा है। निजी उपभोग कमजोर हुआ है और निवेश में कमी आई है। इंडिया रेटिंग ने भी भारत का विकास दर अनुमान 5.5 फीसदी से घटाकर 3.6 फीसदी कर दिया है। ग्लोबल इकोनॉमी के बारे में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने शुक्रवार को कहा था कि वैश्विक अर्थव्यवस्ता 2009 से भी खराब दौर में जा चुकी है।
विदेशी बाजारों का हाल
शंघाई, हांगकांग, टोक्यो और सियोल के बाजारों में गिरावट रही और यूरोप में कमजोरी दिखाई दी। ब्रेंट क्रूड ऑयल 4.47 फीसदी गिरकर 26.70 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। भारतदीय करेंसी बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया िगरकर 75.54 के स्तर पर पहुंच गया।