शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन गिरावट का रुख किए हुए है। दो दिनों की इस गिरावट में सेंसेक्स की 1000 अंकों से ज्यादा की तेजी काफूर हो गई है। बाजार में चौतरफा बिकवाली का दौर जारी रहा जिसमें मिडकैप और स्मॉलकैप के शेयर धड़ाधड़ बिकते देखे गए। कई राज्यों से मैगी के खिलाफ नकारात्मक रिपोर्ट आने की वजह से नेस्ले इंडिया के शेयर में भी जबर्दस्त गिरावट देखी गई। सेंसेक्स और निफ्टी 1.25 फीसदी तक कमजोर होकर बंद हुए हैं। सेंसेक्स जहां 27 हजार के नीचे पहुंच गया वहीं निफ्टी भी 101 अंक की गिरावट के साथ 8100 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर पर आ गया।
रिजर्व बैंक पर केंद्र सरकार के लगातार बढ़ते दबाव को भी गवर्नर रघुराम राजन खारिज करते आ रहे हैं। राजन ने सरकार की कमजोर मुद्रा की मांग भी खारिज कर दी है। रुपये को लेकर वह अपने रुख पर कायम हैं। वह पहले कह चुके हैं कि मुद्रा का लेवल मार्केट फोर्सेज के हिसाब से तय होना चाहिए। राजन ने कहा कि आरबीआई सिर्फ मुद्रा मार्केट में उतार-चढ़ाव रोकने के लिए दखल देता है। वह रुपये के किसी खास लेवल का बचाव नहीं करना चाहता।
जानकारों कहना है कि कमजोर मानसून के अनुमानों और कल आरबीआई द्वारा रेपो दर में कटौती के साथ ही भ्रामक बयान जारी करने से बाजार में हताशा का माहौल बना है। कुछ कंपनियों के खराब नतीजों का असर भी शेयर बाजार पर पड़ा है। शेयर बाजार से जुड़े कुछ विशेषज्ञ नए निवेशकों के लिए इसे अच्छा मौका मान रहे हैं और उनकी सलाह है कि वे भारी कर्ज वाली कंपनियों में निवेश से बचें।
मैगी को लेकर नेस्ले इंडिया की मुसीबतें शेयर बाजार में भी बनी हुई हैं। नेस्ले का शेयर भाव 10 प्रतिशत तक कम हुआ है। केंद्र सरकार ने केंद्रीय भंडारों में जबकि बिग बाजार में बिक्री पर पाबंदी लगा दी है। दिल्ली सरकार ने 15 दिन तक इसकी बिक्री रोक दी है।
चलते आज नेस्ले का शेयर 10 फीसदी तक टूटा है। दिग्गज ब्रोकरेज हाउस सीएलएसए ने नेस्ले में बिकवाली की सलाह दी है और शेयर का लक्ष्य 6200 रुपये तय किया है। फिलहाल इसके शेयर 6119 रुपये के भाव से बिक रहे हैं और जानकार इसके 6200 तक बेचने की सलाह दे रहे हैं।