कमजोर मानसून की आशंका से देश की लगभग आधी खेतिहर जमीन सिंचाई से वंचित रह सकती है। अप्रैल में भविष्यवाणी की गई थ्ाी कि मानसून सामान्य से सात प्रतिशत कम रह सकता है। औसत से 90 प्रतिशत मॉनसून बारिश होने पर सूखा वर्ष माना जाता है। यही वजह है कि औसत से 88 प्रतिशत की बारिश की आशंका ने रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कमी का भी शेयर बाजार पर उल्टा असर ही डाला है। सेंसेक्स 600 अंक जबकि निफ्टी 200 अंक लुढ़क गया। हालांकि ताजा भविष्यवाणी में मॉनसून के चार प्रतिशत ऊपर-नीचे रहने का भी अनुमान लगाया गया है।
बाजार के जानकारों का कहना है कि जरूरी उपभोक्ता वस्तुओं की कीमत लगातार बढ़ने लगी है और सरकार की भविष्यवाणी में यदि आगे भी मानसून के कमजोर रहने की आशंका जारी रहेगी तो इनकी कीमतें और बढ़ सकती हैं।