पिछले साल अगस्त में इंफोसिस के संस्थापकों के साथ लंबे विवाद के बाद सीइओ पद से इस्तीफा देने वाले विशाल सिक्का को साल 2017-18 में 12.92 करोड़ रुपए का रिम्यूनरेशन (पारिश्रमिक) मिला।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट के आधार पर यह जानकारी दी है। सिक्का को साल 2016-17 में 16.01 करोड़ रुपए मिले थे।
गौरतलब है कि सिक्का ने 18 अगस्त 2017 को सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दिया था, जबकि 24 अगस्त को उन्होंने कार्यकारी वाइसप्रेसिडेंट पद भी छोड़ दिया था।
साल 2017-18 में सिक्का को दिए गए पारिश्रमिक में 90 दिन का नोटिस पे और वेरिएबल के तौर पर करीब 2.94 करोड़ रुपए भी शामिल हैं। इसके साथ ही उनको 2018 के रिम्यूनरेशन में 70,772 के स्टॉक ऑप्शन के तौर पर 6.78 करोड़ रुपए दिए गए।
इंफोसिस के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर यूबी प्रवीण राव के रिम्यूनरेशन में पिछले साल के मुकाबले 5 प्रतिशत तक रकम बढ़ाई गई। उनको पिछले साल के रिम्यूनरेशन में 7.80 करोड़ रुपये मिले थ्ाे, जिसमें वृद्धि कर इसे 8.22 करोड़ रुपये कर दिया गया। गौरतलब है कि सिक्का के इस्तीफे के बाद उन्होंने अंतरिम भूमिका में कदम रखा था क्योंकि कंपनी ने सीईओ की खोजबिन शुरू कर दी थी।
नंदन नीलेकणी ने स्वेच्छा से कोई वेतन न लेने का निर्णय लिया था। नीलेकणी अपनी सर्विसेज के लिए कंपनी से कोई पारिश्रमिक नहीं लेंगे। उन्होंने 24 अगस्त 2017 को इंफोसिस बोर्ड ज्वाइन किया था।