अभिनेता आमिर खान ने फिल्मों में कुछ आपत्तिजनक शब्दों पर रोक लगाकर हाल में विवाद शुरू करने वाले सेंसर बोर्ड को निशाने पर लेते हुए कहा कि वह मीडिया या फिल्मों में किसी भी तरह की सामग्री पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ हैं। आमिर ने यह बात आज शुरू हुए मीडिया और मनोरंजन जगत के वार्षिक सम्मेलन फिक्की फ्रेम्स में कही। उन्होंने कहा, ‘मैं किसी भी तरह की सामग्री पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ हूं। जब सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने हमसे बात की तो उन्होंने भी साफ किया कि असल में मंत्रालय के पास अपशब्दों की ऐसी कोई सूची नहीं है। यह एक प्रमाणन बोर्ड है न कि सेंसर बोर्ड। यह सुनकर अच्छा लगा।’
ऐसी खबरें आईं थीं कि हाल में सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष बने पहलाज निहलानी किसी भी फिल्म या डॉक्यूमेंट्री में 28 आपत्तिजनक शब्दों या अपशब्दों की एक सूची पर प्रतिबंध लगाने के 2003 के एक आदेश को दोबारा प्रभाव में लेकर आए हैं। इस सूची में बांबे शब्द भी शामिल है। लेकिन लोगों के विरोध के बाद निहलानी ने सूची वापस ले ली।
आमिर ने 2013 में आई कमल हासन की फिम विश्वरूपम पर लगाए गए प्रतिबंध की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर लोगों को किसी फिल्म में शामिल कुछ चीजें पसंद नहीं भी हैं तो भी फिल्म पर प्रतिबंध लगाने को सही नहीं ठहराया जा सकता। लगान, थ्री इडियट्स और पीके जैसी फिल्मों में अपने शानदार अभिनय के लिए जाने जाने वाले अभिनेता ने कहा, ‘मुझे बहुत शर्म महसूस हो रही है और मैं आपसे माफी मांगता हूं कि मैं उस समय आपके (हासन) साथ नहीं था।’ किसी फिल्म पर प्रतिबंध लगाना सही नहीं है। उन्होंने कहा, ‘एक बार किसी फिल्म को प्रमाण पत्र मिलने के बाद यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है कि लोग बिना किसी भय के फिल्म देखें।’