नामी अदाकार शबाना आजमी को पद्मावती के निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली केंद्रिय फिल्म और प्रमाणन का यह कहना कि उनका आवेदन अधूरा है बहुत नागवार गुजरा है। उन्होंने कई ट्वीट करते हुए कहा है कि जिस तरह दीपिका पादुकोण और निर्देशक संजय लीला भंसाली को धमकी दी जा रही है उसे देखते हुए सभी लोगों को 48वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का बहिष्कार करना चाहिए।
शबाना आजमी ने ट्वीट कर सीबीएफसी के रवैये पर भी सवाल उठाए हैं। शबाना ने कड़े शब्दों में पूछा है कि सीबीएफसी ने आवेदन अधूरा कह कर पद्मावती फिल्म का आवेदन लौटा दिया। क्या सचमुच ऐसा है या चुनावी लाभ केकी आग भड़काए रखने के लिए ऐसा हो रहा है?
उन्होंने एक और ट्वीट कर कहा कि सत्ता में बैठी सरकार के तहत सबकी दुकान चल रही है। पूरी फिल्म इंडस्ट्री को पद्मावती फिल्म के साथ खड़े रहना चाहिए। शबाना आजमी ने पद्मावती पर लंबे समय से चल रहे विवाद में फिल्म इंडस्ट्री की चुप्पी पर भी सवाल खड़े किए हैं।
फिल्म को 1 दिसंबर को सिनेमाघरों में रीलिज किया जाना है। लेकिन अभी तक फिल्म को सेंसर बोर्ड का प्रमाण पत्र नहीं मिला है। बिना प्रमाणपत्र के फिल्म का प्रदर्शन टल सकता है। जबकि निर्देशक संजय लीला भंसाली ने मीडिया जगत के कुछ बड़े संपादकों को फिल्म दिखा दी है। ये संपादक फिल्म के समर्थन में भी आ गए हैं। जबकि वायाकॉम18 मोशन पिक्चर्स के सीईओ अजित अंधारे ने पीटीआई को कहा है कि यह बहुत छोटा सा तकनीकी इशू है। इस छोटी सी बात की वजह से फिल्म का प्रदर्शन नहीं रुकेगा।
13वीं सदी की चित्तौड़ की रानी पद्ममिनी पर बनी इस फिल्म पर शुरू से ही विवाद है। कई राजपूत संगठनों के साथ करणी सेना सबसे ज्यादा विरोध कर रही है। राजपूत संगठनों का दावा है कि फिल्म में रानी पद्ममिनी (फिल्म पद्मावती नाम से है) का गलत ढंग से चरित्र चित्रण किया गया है। हालांकि संजय लीला भंसाली कई बार सफाई दे चुके हैं कि उन्हें इतिहास के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की है। करणी सेना ने 1 दिसंबर को चित्तौड़ बंद रखने का आह्वान किया है। कल इसी कारण चित्तौड़ किले को भी जबर्दस्ती बंद रखा गया और आने वाले पर्यटकों को गुलाब का फूल देकर लौटा दिया गया।