अलंकृता श्रीवास्तव द्वारा निर्देशित फिल्म के कथित रूप से महिला केंद्रित होने और इसमें अपशब्दोंं के इस्तेमाल को लेकर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने उसे प्रमाणपत्र देने से इनकार कर दिया। बेनेगल ने सीबीएफसी पर निशाना साधते हुए कहा, सेंसर बोर्ड फिल्म को प्रमाणन दें, ना कि सेंसर करे। मैं फिल्मों की सेंसरशिप के खिलाफ हूं, किसी फिल्म की रिलीज रोकने को जायज नहीं ठहराया जा सकता। मिश्रा ने सेंसर बोर्ड पर सवाल उठाते हुए कहा कि उसके पास प्रतिभाशाली एवं युवा निर्देशकों को उनके काम का प्रदर्शन करने से रोकने का अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा, अलंकृता जैसी किसी कल्पनाशील, युवा प्रतिभाशाली निर्देशक को उनकी फिल्म के प्रदर्शन से रोकने का किसी को अधिकार नहीं है। बात यह नहीं है कि यह आपको (सीबीएफसी) पसंद आती है या नहीं। युवाओं को खुद को अभिव्यक्त करने का अधिकार है। मसान फिल्म के निर्देशक घैवान ने अलंकृता के समर्थन में उतरते हुए ट्विटर पर लिखा, लैंगिक समानता के लिए पुरस्कार जीतने वाली अलंकृता की फिल्म लिपस्टिक अंडर माई बुर्का को महिला केंद्रित होने के कारण पुरूषवादी सोच तले दबाया जा रहा है।
फिल्मकार अशोक पंडित ने ट्विटर पर लिखा, मैं प्रकाश झा की फिल्म लिपस्टिक अंडर माई बुर्का को सेंसर बोर्ड का प्रमाणपत्रा ना दिए जाने की निंदा करता हूं। यह पहलाज निहलानी के अहंकार को दिखाता है। पटकथा लेखक एवं गीतकार वरूण ग्रोवर ने ट्विटर पर लिखा, फिल्म, फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण (एफसीएटी) में जाएगी और मंजूरी हासिल करेगी। भारत सरकार सीबीएफसी में बदलाव का वादा करेगी, कुछ भोले भाले लोग खुश हो जाएंगे और फिर कुछ नहीं होगा। यह अनंत समय तक चलता रहेगा।
अभिनेत्री दिया मिर्जा ने ट्वीट किया, समाचार एजेंसियों को इसे सेंसर बोर्ड कहना बंद कर देना चाहिए। यह प्रमाणन बोर्ड है। सीबीएफसी इसे लेकर भ्रमित है। अभिनेत्री रेणुका शहाणे ने कहा, अलंकृता श्रीवास्तव की पुरस्कार विजेता फिल्म लिपस्टिक अंडर माई बुर्का को समझ ना आने वाले कारणों के चलते प्रमाणपत्र नहीं दिया गया। अभिनेता फरहान अख्तर ने मंजूरी ना देने के सीबीएफसी के कारणों से जुड़े खत की एक तस्वीर डालते हुए ट्विटर पर लिखा, लिपस्टिक अंडर माई बुर्का को रिलीज की मंजूरी ना देने के लिए ये कारण गिनाए गए हैं। अपना बैैफ बैग (उल्टी करने की थैली) तैयार रखें। लिपस्टिक अंडर माई बुर्का में रत्ना पाठक शाह, कोंकणा सेन शर्मा, अहाना कुमरा, प्लाबिता बोरठाकुर, सुशांत सिंह, विक्रांत मेसी और शशांक अरोड़ा मुख्य भूमिकाओं में हैं।