फिल्म की निर्देशक अलंकृता श्रीवास्तव ने फिल्म प्रमाणन बोर्ड को जम कर कोसा है। उनका कहना है कि जनता को तय करने देना चाहिए कि फिल्म में क्या खराब है। अलंकृता का कहना है कि बोर्ड आइटम नंबर को तो स्वीकृति देता है लेकिन महिलाओं पर आधारित फिल्मों को अनुमति देना नहीं चाहती।
पहले से ही प्रमाणन बोर्ड के पास अटकी फिल्म पर जारी फतवे ने निर्माता निर्देशक की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। मजलिस ए शूरा ने फिल्म से जुड़े लोगों पर कानूनी कारवाई की भी चेतावनी दी है। शूरा ने कहा है कि वह फिल्म का हर स्तर पर विरोध करेगा।