जानेमाने अभिनेता गोविंदा का संघर्ष के दिनों का ठिकाना उनके अंकल का घर था। गोविंदा दिन भर एक स्टूडियो से दूसरे स्टूडियो तक घूमते और रात को थककर घर लौटते। तमाम कोशिशों और मेहनत के बाद भी गोविंदा को काम नहीं मिल रहा था।किसी की नज़र ही नहीं पड़ रही थी उनके टैलेंट पर।
इसी संघर्ष के बीच एक मज़ेदार घटना घटी।उस दौर के उभरते हुए संगीतकार आनन्द - मिलिंद एक रोज़ गोविंदा के अंकल के घर पहुंचे। वे गोविंदा के अंकल के परिचित थे।पार्टी का दौर चला।गोविंदा दूसरे कमरे में सो रहे थे।दिनभर की थकान हावी थी।
रात के दो बजे अचानक बातों बातों में गोविंदा के अंकल ने आनन्द मिलिंद को बताया कि उनका भतीजा फ़िल्मों में एक्टर बनना चाहता है और बहुत शानदार डांस करता है।पार्टी का सुरूर था इसलिए आनन्द मिलिंद भी फ़ौरन मूड में आ गए। उन्होंने गोविंदा के अंकल से कहा कि अगर उनके भतीजे में दम है तो अभी उसका ऑडिशन लिया जाएगा।
रात दो बजे गोविंदा को उठाया गया और नाचने के लिए कहा गया।यह गोविंदा का जुनून ही था कि गोविंदा फ़ौरन खड़े हुए और उन्होंने डांस शुरू कर दिया।आनन्द मिलिंद भौचक्के होकर रह गए।उन्होंने महसूस हो गया कि यह लड़का डांस की दुनिया में नाम करेगा।
आनन्द मिलिंद का आंकलन सही साबित हुआ।भारतीय फ़िल्म इंडस्ट्री गोविंदा की पहचान एक कमाल के डांसर के रूप में स्थापित हुई। गोविंदा और आनन्द मिलिंद ने मिलकर हीरो नंबर 1, कुली नंबर 1 जैसी फ़िल्मों में शानदार प्रदर्शन किया।