फ़िल्म गीतकार और निर्देशक गुलज़ार अपनी फ़िल्म " आंधी " के लिए कास्टिंग कर रहे थे।उन्हें फ़िल्म की मुख्य महिला किरदार के लिए सशक्त अभिनेत्री चाहिए थी।जब गुलज़ार साहब ने वैजयंतीमाला को फ़िल्म की स्क्रिप्ट पढ़ने को दी तो,उन्होंने स्क्रिप्ट पढ़कर फ़िल्म करने से मना कर दिया।इसकी वजह यह थी कि जब वैजयंतीमाला को यह पता चला कि उनका किरदार आरती देवी,इंदिरा गांधी की शख्सियत से प्रेरित है तो,वह घबरा गईं।उन्हें लगा की वह रोल को अच्छे से नहीं कर सकेंगी और इसके चलते उन्होंने फ़िल्म छोड़ दी।
तब फ़िल्म के निर्माताओं ने गुलज़ार साहब से बंगाली अभिनेत्री सुचित्रा सेना से संपर्क करने के लिए कहा।गुलज़ार साहब इस बात से ज़रा संकोच की स्थिति में पड़ गये।इसकी एक खास वजह थी.दरअसल साठ के दशक में गुलज़ार साहब अपनी एक स्क्रिप्ट लेकर सुचित्रा सेन के पास गये थे।स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद सुचित्रा सेन ने गुलज़ार साहब को स्क्रिप्ट में कई बदलाव करने के लिए कहा।गुलज़ार साहब ने इस बात से इंकार कर दिया, जिसके चलते सुचित्रा सेन ने फिल्म छोड़ दी।इसके बाद यह फ़िल्म बनी ही नहीं।
खैर संकोच को किनारे रखते हुए,गुलज़ार साहब अभिनेत्री सुचित्रा सेन से मिलने पहुंचे।उस वक़्त,गुलज़ार साहब अपने काम से देश की एक मशहूर मक़बूल शख्सियत बन चुके थे।जब सुचित्रा सेन ने स्क्रिप्ट सुनी तो,उन्हें कहानी पसंद आई।ये गुलज़ार साहब के काम और नाम का असर था कि इस दफ़े सुचित्रा जी ने बिना किसी बदलाव के साथ फ़िल्म करने की सहमति जता दी।इस तरह बंगाली फ़िल्म की सुपर स्टार सुचित्रा सेन फ़िल्म " आंधी " में शामिल हुईं और उन्होंने कामयाबी की इबारत लिखी।