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लेखकों के बारे में सोचती हैं कल्कि

पहले फिल्म का निर्मात- निर्देशक बनने का चस्का सिर्फ अभिनेताओं को ही लगता था। लेकिन अब नायिकाएं भी इसमें पीछे नहीं हैं। अपनी पहचान बन जाने के बाद उनमें भी फिल्म निर्देशन की इच्छा जाग जाती है।
लेखकों के बारे में सोचती हैं कल्कि

कल्कि कोचलीन का अभिनय दमदार है इसमें किसी को शक नहीं है। हर फिल्म में वह शानदार अभिनय करती हैं। उन्हीं कल्कि का कहना है कि यदि अच्छी पटकथा मिलेगी तो वह निर्देशन में हाथ आजमाना चाहेंगी।

कल्कि ने कहा, मैं ऐसे विचारों को लिख रही हूं जिसने मुझे गहराई तक प्रभावित किया है। अगर मेरे दिमाग में इस तरह के विचार आ सकते हैं तो फिर निर्देशन क्या मुश्किल है।

कल्कि खुद को भाग्यशाली मानती हैं कि उन्हें तरह-तरह की भूमिकाएं निभाने का मौका मिला। फिर भी उन्हें लगता है कि एक फिल्म निर्देशित की जानी चाहिए। उनकी इच्छा है कि एक अच्छी पटकथा मिले जिसे वह निर्देशित करें। वह मानती हैं कि अच्छी फिल्में अच्छी पटकथाओं और कहानियों से ही निकलेंगी। और ऐसा तभी हो सकता है जब लेखकों को रचनात्मकता व्यक्त करने का मौका मिले और उन्हें इसके लिए अच्छे पैसे मिलें।

एजेंसी इनपुट 

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