कैटरीना ने कहा, मैं शिक्षित महिलाओं के बारे में जानती हूं जो चुपचाप हिंसा सहती रहती हैं क्योंकि वे सामाजिक नियम कायदों से डरती हैं और उंगलियां भी उन्हीं की ओर उठती है। खास तौर पर तब जबकि हमारे समाज के अधिकतर लोग वैवाहिक बलात्कार जैसे अपराध को मानने से इनकार करते हैं।
उन्होंने कहा, मैं अधिक से अधिक महिलाओं से इस मुद्दे को उठाने का अनुरोध करूंगी। खुद को कमतर या कमजोर समझना ठीक नहीं है क्योंकि किसी तरह की कोरी कल्पना के आधार पर हम लैंगिक रूप से कमजोर नहीं हैं।
33 वर्षीय अभिनेत्री संयुक्त राष्ट्र महिला शाखा की भागीदारी के साथ आईएमसी वाणिज्य एवं उद्योग मंडल के सहयोग से आयोजित वी यूनाइट सम्मेलन में बोल रही थीं। अभिनेत्री ने कहा, दुनिया के बड़े हिस्से पर पितृ सत्तात्मक समाज का नेतृत्व है और बरसों से महिलाएं अपने खिलाफ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने के बजाय इस पर चुप्पी साधे रही हैं।
कैटरीना ने कहा कि यह जानकर बेहद दुख होता है कि लैंगिक भेदभाव एेसे देश में हो रहा है जहां महिलाएं राष्ट्राध्यक्ष रह चुकी हैं। उन्होंने कहा, ब्रिटेन से पहले भारत में एक महिला राष्ट्राध्यक्ष रह चुकी हैं, जबकि अमेरिका में एेसा अब तक नहीं हो पाया है। यही कारण है कि भारत में लैंगिक भेदभाव के बारे में सुनकर आश्चर्य होता है। यह दुखद बात है कि हम एेसा करते हैं।
अभिनेत्री ने कहा, हर दिन महिलाओं के खिलाफ हिंसक अपराध की चौंकाने वाली खबरें सुनने को मिलती हैं। सिर्फ कल्पना ही की जा सकती है कि भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कितने मामले रिपोर्ट नहीं किए गए।कैटरीना ने कहा, बहरहाल यह सिर्फ भारत की ही समस्या नहीं है और संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह हर जगह हो रहा है।
उन्होंने कहा, बहरहाल, महिलाओं के खिलाफ अपराध के बढ़ते मामलों पर मेरा मानना है कि यह अपराध में बढ़ोतरी नहीं है बल्कि एेसी महिलाओं की संख्या में इजाफा है जो अपने उपर हो रहे अपराध के खिलाफ खुलकर सामने आ रही हैं और इसकी रिपोर्ट कर रही हैं। भाषा एजेंसी