किशोर कुमार के बड़े भाई अशोक कुमार की फ़िल्म रिलीज़ हुई। अशोक कुमार हीरो की भूमिका में थे। किशोर कुमार ने अपने सभी स्कूली साथियों से फ़िल्म देखने चलने के लिए कहा। रास्ते भर किशोर कुमार अपने भाई अशोक कुमार की प्रशंसा करते रहे।
किशोर कुमार को यक़ीन था कि अशोक कुमार ने फ़िल्म में गुण्डो की धुलाई ज़रूर की होगी। थियेटर पहुंचकर जब फ़िल्म शुरू हुई तो किशोर और उनके दोस्त अशोक कुमार की फाइटिंग देखने का इंतज़ार करने लगे। फाइटिंग सीन तो आया नहीं अशोक कुमार को कुछ फटके अलग पड़ गए फ़िल्म में। किशोर कुमार का पूरा मूड ख़राब हो चुका था। दोस्तों के सामने बनाई सारी प्रतिष्ठा मिट्टी में मिल गई थी।
घर लौटकर किशोर गुस्से में थे। उन्होंने मंझले भैया अनूप कुमार के माध्यम से अशोक कुमार को चिट्ठी लिखी कि अगली फ़िल्म में अगर विलेन की पिटाई नहीं की तो लौटकर खंडवा मत आना। कुछ ऐसे ही भावुक थे किशोर कुमार।