लता मंगेशकर, किशोर कुमार और खेमचंद प्रकाश का एक रोचक किस्सा है, जो खूब सुना और सुनाया जाता है। एक रोज लता मंगेशकर गाने की रिकॉर्डिंग के लिए लोकल ट्रेन से बॉम्बे टाकीज़ के स्टूडियो गोरेगांव जा रहीं थीं। उनके साथ एक दुबला सा लड़का भी था। वह लड़का उतरा और उनके पीछे हो लिया।
लता आगे जाते हुए, जब जब लड़के की तरफ देखती तो पातीं लड़का कुछ अजीब सी हरकतें कर रहा होता था। कभी हंसता, कभी छड़ी घुमाता। लड़के की निगाह लता मंगेशकर पर रहती। लता डरकर किसी तरह स्टूडियो पहुंचीं और खेमचंद प्रकाश को सारा क़िस्सा बताया। यह बताने के बाद जैसे ही लता मुड़ीं तो उस लड़के को खड़ा पाकर लगभग बदहवास हो गयीं।
तब खेमचंद प्रकाश ने लता मंगेशकर को बताया कि यह लड़का कोई और नहीं बल्कि अशोक कुमार का छोटा भाई किशोर कुमार है। इस तरह लता मंगेशकर की जान में जान आई। ऐसे मस्त मौला, मस्त कलंदर थे किशोर कुमार।