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दिलीप कुमार की प्रेम कहानी

दिलीप कुमार और मधु बाला ने सन 1951 में फ़िल्म तराना में पहली बार एक साथ काम किया। मधु बाला पहली नज़र में ही...
दिलीप कुमार की प्रेम कहानी

दिलीप कुमार और मधु बाला ने सन 1951 में फ़िल्म तराना में पहली बार एक साथ काम किया। मधु बाला पहली नज़र में ही अपना दिल दिलीप कुमार पर हार बैठी। मधु बाला ने एक गुलाब और खत दिलीप कुमार को भेजा। खत में लिखा था कि अगर हमारी मुहब्बत क़ुबूल हो तो गुलाब रख लीजिए वगरना खत के साथ गुलाब लौटा दीजिए। मधु बाला की खूबसूरती का जादू ऐसा था कि दिलीप कुमार भी इससे ना बच सके। उन्होंने मधु बाला का प्रेम प्रस्ताव स्वीकार किया। 

 

दिलीप कुमार और मधु बाला की मुहब्बत परवान चढ़ने लगी। दोनों एक दूसरे से बेपनाह मुहब्बत करने लगे। दिलीप कुमार और मधु बाला उस दौर में अपने कैरियर के शीर्ष पर थे। दोनों की जोड़ी को दर्शकों का भरपूर प्यार मिल रहा था। दिलीप कुमार ने मधु बाला से विवाह की इच्छा जताई तो मधु बाला ने कहा कि वह अपने परिवार की मर्ज़ी से ही कोई निर्णय लेंगी। दिलीप कुमार ने जब मधु बाला के घर विवाह का प्रस्ताव भेजा तो मधु बाला के पिता ने इस रिश्ते को अस्वीकार कर दिया।

 

इसका कारण यह था कि उस समय मधु बाला अपने कैरियर के शीर्ष पर थीं और उनकी कमाई से ही घर के सभी खर्च चलते थे। अगर मधु बाला का विवाह दिलीप कुमार से हो जाता तो न सिर्फ़ मधु बाला का फिल्मी कैरियर प्रभावित होता बल्कि मधु बाला के परिवार की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा जाती। इसी डर से मधु बाला के पिता ने मधु बाला और दिलीप कुमार के रिश्ते को अस्वीकार कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने दिलीप कुमार और मधु बाला का मिलना जुलना बन्द कर दिया। दोनों सिर्फ़ फ़िल्म के सेट पर ही मिल सकते थे। 

 

मधु बाला के पिता नहीं चाहते थे कि दिलीप कुमार और मधु बाला साथ में काम करें मगर दोनों की कई फिल्में अधूरी थीं और उनकी शूटिंग पूरी करने के दिलीप कुमार और मधु बाला का साथ काम करना ज़रूरी था। इस तरह दिलीप कुमार और मधु बाला फिल्म के सेट पर मिलते रहे।  

 

दिलीप कुमार मधु बाला से बेपनाह मुहब्बत करते थे। दिलीप कुमार ने मधु बाला से कहा कि वह अगर अपने परिवार से सभी सम्बन्ध ख़त्म कर दें तो वह शादी करने के लिए तैयार हैं। मधु बाला अपने परिवार को नहीं छोड़ना चाहती थीं। मधु बाला के इस निर्णय से दिलीप कुमार को बहुत दुख पहुंचा। उन्होंने मधु बाला से कहा कि अगर वह अपने परिवार को नहीं छोड़ सकती तो वह अब कभी मधु बाला से नहीं मिलेंगे। दिलीप कुमार और मधु बाला का रिश्ता खत्म हो गया। दोनों सिर्फ़ अपनी अधूरी फ़िल्मों को पूरा करने के लिए फिल्म के सेट पर मिलते। महान फ़िल्म मुगल - ए - आज़म ऐसी ही एक फ़िल्म है, जो दिलीप कुमार और मधु बाला ने अपना रिश्ता ख़तम हो जाने के बाद पूरी की। दिलीप कुमार ने मधु बाला को पूरी तरह छोड़ दिया। इस बात से मधु बाला को बहुत पीड़ा हुई। उनको दुख, अकेलेपन, उदासी ने घेर लिया। मधु बाला बीमार रहने लगी। इस बीच मधु बाला के जीवन में महान गायक किशोर कुमार आए। दोनों ने फ़िल्म साथ में की और उनके बीच नज़दीकी बढ़ी। इसका नतीजा यह हुआ कि किशोर कुमार और मधु बाला ने 1961 में विवाह कर लिया। कई लोगों का मानना था कि मधु बाला ने यह विवाह ईर्ष्या में किया था। वह दिलीप कुमार को अफ़सोस, ग्लानि में जलाना चाहती थीं। 

 

मधु बाला बहुत बीमार रहती थीं। अस्पताल में इलाज के दौरान मालूम हुआ कि मधु बाला के दिल में सुराख है। डॉक्टर्स ने कहा कि मधु बाला ज़्यादा से ज़्यादा 2 साल जी सकेंगी। मगर मधु बाला 2 ज़्यादा से ज़्यादा समय तक जीवित रहीं। सन 1969 में सिर्फ़ 36 साल की उम्र में मधु बाला इस दुनिया से चली गईं। उस समय दिलीप कुमार अपनी फ़िल्म गोपी की शूटिंग में व्यस्त थे। इस कारण वह मधु बाला के अंतिम संस्कार में शामिल न हो सके। मधु बाला को दिलीप कुमार की गैर मौजूदगी में सुपुर्द ए ख़ाक कर दिया गया। 

 

फिल्मकार बी आर चोपड़ा की एक फ़िल्म दिलीप कुमार और मधु बाला के विवाद के कारण बीच में लटक गई। इस फ़िल्म को पूरा करने के लिए बी आर चोपड़ा को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। दिलीप कुमार ने बी आर चोपड़ा की तरफ़ से गवाही देते हुए भरी अदालत में कहा कि वह मधु बाला से बेपनाह मुहब्बत करते हैं और आख़िरी सांस तक मधु बाला से इश्क़ करते रहेंगे। दिलीप कुमार मधु बाला से बेपनाह मुहब्बत करते थे। दिलीप कुमार और मधु बाला स्वभाव से कठोर थे इसलिए उनके बीच झगड़े और मतभेद पैदा हो गए। और उनकी मुहब्बत कड़वाहट में बदल गई। शायद दोनों अंदर ही अंदर एक दूसरे से मुहब्बत करते रहे मगर दुनिया के सामने उन्होंने फिर इश्क़ ज़ाहिर नहीं किया। मधु बाला के किशोर कुमार के साथ विवाह होने के बाद दिलीप कुमार साहब ने भी सन 1966 में अपने से 22 साल छोटी अभिनेत्री सायरा बानो से शादी की। इस तरह एक ख़ूबसूरत इश्क़ अधूरा रह गया।

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