Advertisement

उत्तर प्रदेश सरकार ने फिल्म ‘सांड की आंख’ को किया टैक्स फ्री

तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर स्टारर फिल्म ‘सांड की आंख’  के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। राजस्थान के...
उत्तर प्रदेश सरकार ने फिल्म ‘सांड की आंख’ को किया टैक्स फ्री

तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर स्टारर फिल्म ‘सांड की आंख’  के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। राजस्थान के बाद अब फिल्म को उत्तर प्रदेश में भी टैक्स फ्री कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कैबिनेट बैठक में इसकी घोषणा की है। फिल्म 25 अक्टूबर को रिलीज होगी।

‘सांड की आंख’  फिल्म चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर की जिंदगी पर आधारित है, जिन्हें शूटर दादी भी कहा जाता है। फिल्म में लीड रोल में तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर हैं। फिल्म का निर्देशन तुषार हीरानंदानी ने किया है जबकि फिल्म के प्रोड्यूसर अनुराग कश्यप हैं।

राजस्थान सरकार ने पहले ही कर दिया था

इससे पहले राजस्थान सरकार ने इस फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया था। सीएमओ राजस्थान के ऑफिशल हैंडल से किए गए ट्वीट में इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया गया था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महिला सशक्तिकरण पर आधारित फिल्म ‘सांड की आंख’  को सिनेमाघर और मल्टिप्लैक्स में रिलीज पर स्टेट गुड्स ऐंड सर्विस टैक्स में छूट देने का फैसला किया है।

यह है फिल्म की कहानी

वैसे फिल्म की कहानी के बारे में बात करें तो कहानी बागपत के जोहरी गांव से शुरू होती हैं जहां तापसी और भूमि की शादी एक ही घर में होती है। इस संयुक्त परिवार में घर के सबसे बड़े भाई रतन सिंह (प्रकाश झा) की ही चलती है। उनके फैसले के खिलाफ घर का कोई भी सदस्य नहीं जा सकता है। इसी बीच कहानी में दिल्ली से गांव वापस लौटे डॉक्टर यशपाल (विनीत कुमार सिंह) की एंट्री होती है। 

डॉक्टर यशपाल जो डॉक्टरी छोड़ गांव की बेहतरी करने के इरादे के साथ वहां एक शूटिंग रेंज खोलते हैं और बच्चों को बुलाने के लिए गांव के सरपंच सतपाल सिंह के घर पहुंचते हैं। हालांकि सतपाल सिंह घर की लड़कियों को भेजने के लिए रजामंद नहीं होते हैं। लेकिन अपनी पोतियों के सुनहरे भविष्य और सरकारी नौकरी की चाह में प्रकाशी और चंद्रो छुपते-छुपाते अपनी पोतियों को लेकर शूटिंग रेंज पहुंच जाती हैं। 

अपनी पोतियों को प्रेरित करने के लिए वह दोनों बंदूक हाथ में उठा लेती हैं और एकदम सटीक निशाना लगा देती हैं। दादियों को शूटिंग करता देख लड़कियों में भी उत्साह भर जाता है हालांकि घर की औरतों की यह चोरी लंबे समय तक छुपी नहीं रह पाती है। जिसके बाद कहानी में कई उतार-चढ़ाव आते हैं। फिल्म के अंत में महिला सशक्तिकरण का अच्छा संदेश दिया गया है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad