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सितारों के सामाजिक सरोकार

हाल ही में दीपिका पादुकोण के महिला सशक्तिकरण पर वायरल हुए वीडियो के पक्ष और विपक्ष में अनगिनत आवाजें उठीं। पहले दो दिन तो पादुकोण को खूब वाह-वाही मिली लेकिन तीसरे दिन से कुछ लोगों ने दीपिका को लानतें भेजनी शुरू कर दी कि उन्मुक्त यौन संबंध ही महिला सशक्तिकरण नहीं है।
सितारों के सामाजिक सरोकार

हम पादुकोण के इस वीडियो के पक्ष-विपक्ष की बहस में नहीं जाएंगे। हम बात कर रहे हैं कि अब सामाजिक मुद्दों पर सेलिब्रिटीज की एक नई पीढ़ी आगे होकर बहस करने लगी है। बात करने लगी है। अब समाज के अनछुए पहलुओं पर सिर्फ आमिर खान, शबाना आजमी, नसीरुद्दीन शाह या गिरीश कर्नाड सरीखे अभिनेता ही बात नहीं करते हैं बल्कि मुख्यधारा की नौजवान पीढ़ी भी इसे छूने लगी है।

हमें याद होगा कि इससे पहले माधुरी दीक्षित का ऐसा ही एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें बताया गया था कि ‘ लड़के ऐसे नहीं रोते  ’ इस छोटी सी फिल्म  में बार-बार बोला गया कि ‘लड़के रोते नहीं है ’

‘लड़के ऐसे नहीं रोते  ’ फिर एक लड़का अपनी पत्नी को मारता है, तभी दीक्षित बोलती हैं कि बेहतर होगा कि हम अपने लड़कों को सिखाएं कि ‘ लड़के रुलाते नहीं। ‘ घरेलू हिंसा के खिलाफ बने इस वीडियो की खूब तारीफ हुई। 

‘प्यार के साइड इफेक्ट ’ फिल्म से चर्चा में आए अभिनेता राहुल बोस का एड्स के मरीजों से हो रहे सामाजिक भेदभाव पर वीडियो आया था। बोस के अन्य सामाजिक मुद्दों पर भी ऐसे कई वीडियो आए।

थ्री इडियट्स के तीन हीरो में से एक शरमन जोशी का भी हाल ही में एक ऐसा वीडियो आया है। जो कि घर में चौबीस घंटे मां के कामकाज के महत्व को लेकर है। वीडियो में दिखाया गया कि ऑफिस में कामकाज के घंटे को लेकर बहस होती है। शरमन जोशी कहते हैं, ‘ है कोई जो शनिवार, रविवार को भी काम करता है। इसपर शरमन के एक सहकर्मी बोलते हैं कि ‘ तेरा बाप इतना काम करेगा ’ तो शरमन बोलते हैं ‘ नहीं मेरी मां करती है इतना काम। ‘ सभी चुप हो जाते हैं।

विश्व कप फाइनल में भारत की तरफ से विराट कोहली के खराब प्रदर्शन की वजह अनुष्का शर्मा को माना गया। लेकिन इस बढ़ते विवाद के बाद प्रियंका चोपड़ा और क्रिकेटर युवराज सिंह जैसे लोग सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर आए और खुलकर अनुष्का का बचाव किया। इन्होंने लिखा कि किसी भी महिला की निजी जिंदगी का सम्मान होना चाहिए।

हाल ही में गो मांस विवाद को लेकर ऋशी कपूर ने ट्वीट किया वह गोमांस खाते हैं और हिंदू हैं। वह अपनी इस बात पर अडिग भी रहे।

यानी सामाजिक मुद्दों पर अब सेलिब्रिटीज की नई पीढ़ी न केवल जुबान खोलने लगी है बल्कि उसपर अडिग भी रहने लगी है। 

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