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'इंडिया इन ए डे' में एक निरंतर परिवर्तनशील राष्ट्र की झलक

रिची मेहता की बेहद जीवंत और दिल को छू लेने वाली डॉक्यूमेंट्री इंडिया इन ए डे उन अनोखे नाम वाली फिल्मों में शुमार है जिन्हें 41वें टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में दिखाया जाना है।
'इंडिया इन ए डे' में एक निरंतर परिवर्तनशील राष्ट्र की झलक

खूबसूरती और दर्द दोनों से जुड़ी मानवीय कथानकों से ओत-प्रोत एक देश को जीवंत बनाने की कोशिश करती यह फिल्म भारत में एक दिन के जीवन, मध्यरात्रि से मध्यरात्रि का रेकॉर्ड पेश करती है। गूगल द्वारा प्रायोजित 86 मिनट लंबी इंडिया इन ए डे डॉक्यूमेंट्री का निर्माण रिडले स्कॉट एवं अनुराग कश्यप ने किया है। यह फिल्म एक दिन यानी 10 अक्तूबर, 2015 को समूचे देश के हजारों लोगों के फिल्मांकित वीडियो को मिलाकर बनाई गई है। कनाडा में जन्मे तथा वहीं पले बढ़े और फिलहाल लंदन में रह रहे मेहता ने बताया, भारत के क्रमिक विकास की कहानी दुनिया के क्रमिक विकास की कहानी है। उन्होंने कहा, फिल्म हमारी सभी सतत उपलब्धियों को प्रस्तुत करती है। भारत के कई हिस्से अब भी उसी तरह से जीते हैं जैसे हम 1,000 वर्ष पहले जीते थे जबकि देश ने मंगल पर अभियान भेजा है।

मेहता भारत में दो फिल्मों, एक अमल (2007) और सिद्धार्थ (2013) की शूटिंग कर चुके हैं और फिलहाल वह दिल्ली पुलिस पर एक टेलीविजन धारावाहिक का फिल्मांकन कर रहे हैं। भारत की सामाजिक एवं सांस्कृतिक भेदों पर अपनी पकड़ बनाने के लिए उन्होंने भारत में अच्छा खासा वक्त बिताया है। गूगल की इस पहल के तहत मेहता को विभिन्न प्रौद्योगिकियों में निर्मित 400 घंटे की फिल्म प्राप्त हुई थी। उन्होंने कहा, इन वीडियो की काट-छांट से पहले हमें (मेहता और फिल्म की संपादक बेवर्ली मिल्स) इन्हें देखने में तीन महीने का समय लगा।

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