गौरतलब है कि फिल्म को लेकर बढ़ते विरोध के चलते नागपुर में इस फिल्म की प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द करनी पड़ी थी। इससे पहले पुणे में भी इस फिल्म की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने काफी हंगामा किया था।
पीटीआई के मुताबिक, इंडियन यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने इस फिल्म का विरोध करते हुए सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सेंसर बोर्ड) के चीफ पहलाज निहलानी से भी मुलाकात की है। यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि फिल्म में इंदिरा गांधी की गलत इमेज दिखाई गई है। हालांकि अभी तक उन्होंने यह फिल्म नहीं देखी है।
सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की फिल्म पर बैन लगाने की मांग पर कहा है कि वह किसी फिल्म को सिर्फ इसलिए बैन नहीं कर सकते क्योंकि कांग्रेस पार्टी उसका विरोध कर रही है। उन्होंने कहा कि किसी फिल्म को बैन करना मेरी जिम्मेदारी नहीं है। सेंसर बोर्ड केवल किसी फिल्म को सर्टिफिकेट देता है। अगर इस फिल्म से किसी को कई भी दिक्कत है तो ट्राइब्यूनल में जा सकता है।
गौरतलब है कि साल 1975 के आपातकाल पर आधारित फिल्म ‘इंदु सरकार’ में दो किरदार तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे संजय गांधी से मिलते जुलते गेटअप में हैं। मधुर का दावा है कि इमरजेंसी के बैकड्राप पर उनकी फिल्म की कहानी काल्पनिक है, जिसमें सिस्टम के खिलाफ पति-पत्नी के संघर्ष की दास्तान है।